उत्तराखंड

मुनस्यारी पर टूटा बादलों का कहर, तीन की मौत, 11 लोग लापता…

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी पर टूटा बादलों का कहर, तीन की मौत, 11 लोग लापता…

शनिवार रात भारी बारिश ने जमकर बरपाया था कहर…

उत्तराखंड :  पिथौरागढ़ जिले में शनिवार के बाद रविवार की रात भी बादलों ने कहर बरपाया। गैला गांव के तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों के नाम शेर सिंह, गोविंदी और ममता है।

गैला गांव में मकान जमींदोज होने से तीन 07 लापता बताए जा रहे हैं, जबकि पांच घायल हैं। वहीं इसी तहसील के टांगा गांव में भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से निकले मलबे के साथ तीन मकान भी बह गए।

इस घटना में प्रशासन ने 04 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। मालूम हो कि पिछले दो दिनों से मौसम के रौद्र रूप को देखते हुए पूरे सीमांत के लोग दहशत में हैं। तहसील के एक दर्जन से अधिक गावों में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। खतरे की जद में आए परिवारों को शिफ्ट किया जा रहा है। मुनस्यारी को जाने वाली दोनों सड़कें बंद हैं।

डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में एसडीआरएफ और मेडिकल टीम भेजी गई है। एक घायल को रेस्क्यू किया गया है। घटना के बाबत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि राहत बचाव कार्य में कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने जिलाधिकारी से प्रभावितों को मुआवजा राशि देने के बारे में भी जानकारी ली है। ग्राम तोमिक के झापुलि तोक में भी भारी बारिश में मलबा आने से 06 मकानों को खतरा हो गया है।

35 से अधिक दुकानों में मलबा घुसा…

टनकपुर-तवाघाट सड़क दोबाट में भारी मलबा और बोल्डर गिरने से बंद हो गई है। तवाघाट-घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क पर भी कई स्थानों पर मलबा आया है। चीन सीमा को जोड़ने वाले इस सड़क के बंद होने से पूजा के लिए जा रहे व्यास घाटी के सात गांवों के लोगों के साथ ही सुरक्षा बलों को भी दिक्कत हो रही है।

भूस्खलन से पेयजल योजनाएं भी बह गईं हैं। कुछ स्थानों पर पैदल पुल और रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मूसलाधार बारिश से मुनस्यारी में एसडीएम कार्यालय परिसर से निकले बरसाती नाले से सड़क रोखड़ में बदल गई है।

नगर के 35 से अधिक दुकानों में मलबा घुसने से दुकान में रखा सारा सामान खराब हो गया है। अतिवृष्टि से मुनस्यारी के बलौटा गांव में कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है।
बुंगबुंग में भी बारिश से नुकसान
उधर, धारचूला में जौलजीबी में गोरी और महाकाली नदी का जल स्तर बढ़ने से संगम से लेकर दांतु खेड़ा के नदी किनारे रहने वाले पांच परिवारों के लोग सहम गए। इन परिवारों ने पूरी रात जागकर बिताई।

बुंगबुंग में भी बारिश से नुकसान हुआ है। मुनस्यारी और बंगापानी तहसीलों में आपदा को देखते डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बंगापानी पहुंचकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया।

उन्होंने अधिकारियों को दो टीमों का गठन कर क्षति का आकलन कर आज रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। बागेश्वर में जिले की पांच सड़कों में मलबा गिरने से यातायात बाधित है। सड़कों के बंद होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मुनस्यारी और बंगापानी क्षेत्र में शनिवार रात भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया था। गोरी नदी का जलस्तर बढ़ने से छोरीबगड़ गांव के पांच मकान बह गए थे। मुनस्यारी के धापा गांव में भूस्खलन के दौरान अपनी मां के साथ सुरक्षित स्थान की ओर जा रहा पांच साल का बच्चा भी बह गया था।

स्थानीय लोगों ने उसे 200 मीटर नीचे जाकर बचा लिया। फिलहाल उसका अस्पताल में उपचार चल रहा है। मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क पर बना मोटर पुल भी बह गया। मुनस्यारी-थल और मुनस्यारी-जौलजीबी सड़कों के बंद होने से मुनस्यारी का संपर्क कटा हुआ है।

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