उत्तराखंड

कोरोना ड्यूटी में लगी एएनएम कार्यकत्रियों के सामने संकट के बादल…

कोरोना ड्यूटी में लगी एएनएम कार्यकत्रियों के सामने संकट के बादल...

कोरोना ड्यूटी में लगी एएनएम कार्यकत्रियों के सामने संकट के बादल…

इस वर्ष कोरोना को देखते हुए 26 पदों पर की थी स्वास्थ्य विभाग ने तैनाती…

स्वास्थ्य विभाग पर लगाया शोषण का आरोप, गढ़वाल सांसद से लगाई गुहार…

रुद्रप्रयाग। कोरोना महामारी में ग्रामीण इलाकों में जाकर अपने जीवन की परवाह किये बगैर वैक्सीनेशन करने वाली एएनएम कार्यकत्रियों को स्वास्थ्य विभाग ने हटा दिया है, जिससे इनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बिना कोई कारण नोटिस दिये ही इन्हें हटा दिया है और किसी अन्य संस्था को अब इन पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी सौंपी है। जिस कारण कार्यकत्रियों में खासा आक्रोश बना हुआ है और उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है।

दरअसल, इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण इलाकों में काफी केस बढ़ गये थे, जिसके बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन को लेकर उपनल के माध्यम से 26 एएनएम की भर्ती की। इनकी भर्ती अप्रैल माह में की गई, जिसके बाद इनके द्वारा दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को वैक्सीन लगाई गई और लोगों को सुरक्षित किया गया। एएनएम कार्यकत्रियों ने कोरोना के प्रति अपनी ईमानदारी का परिचय दिया और रात-दिन ड्यूटी में लगी रही। अब कोरोना के केस कम होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम कार्यकत्रियों को हटा दिया है और किसी अन्य संस्था के जरिये इन पदों पर भर्ती की जा रही है। ऐसे में एएनएम कार्यकत्रियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। एएनएम मीरा राणा, ललिता, विनिता, विजिया, सोनम, दीक्षा, सोनिया, असरूपी, नीलम, राजेश्वरी, मनीषा, मीरा, रश्मी, दीक्षा, रेखा, सुगंधा, पुष्पा, प्रेरणा ने कहा कि कोरोना महामारी में रात-दिन कार्य करने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

 

कोरोना जैसे विकट समय में बिना वेतन काम करने के बावजूद आज उनके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग टी एंड एम कंपनी के माध्यम से एएनएम की दूसरी भर्ती निकालकर पूर्व में लगी एएनएम के साथ शोषण कर रहा है। उन्होंने कहा कि सात माह काम करने के बाद अब किसी कारण के हटाया जाना, न्यायोचित नहीं है। कहा कि गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत से भी इस मामले में वार्ता की गई और उनकी ओर से समस्या के समाधान का भरोसा दिया गया, लेकिन 16 एवं 17 नवंबर को एएनएम की भर्ती को लेकर काउंसलिंग की जानी है। गढ़वाल सांसद की ओर से भी कार्यकत्रियों की कोई मदद नहीं की गई है। अब ऐसे में पूर्व में लगी एएनएम कार्यकत्रियों के सामने आंदोलन का रास्ता रह गया है। उन्होंने कहा कि रविवार आज से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में धरना दिया जायेगा और जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं सीएमओ विंदेश शुक्ला ने कहा कि कोरोना काल में एएनएम की उपनल के माध्यम से भर्ती की गई थी। इनकी नियुक्ति अस्थाई तौर पर की गई थी और शासनादेश में साफ लिखा है कि कोविड को देखते हुए यह नियुक्ति की जा रही हैं और कोरोना समाप्त होने के बाद इन पदों को खत्म कर दिया जायेगा।

 

इन एएनएम को हटाये जाने को लेकर कोई भी पत्र अभी तक नहीं मिला है, बावजूद इसके ये लोग घबराये हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिन पदों को लेकर काउंसलिंग की जानी है, वह पद एनएचएम के माध्यम से भरे जा रहे हैं। इन पदों को भरने को लेकर भी कोरोना ड्यूटी में अस्थाई तौर पर लगी एएनएम को कहा गया था, लेकिन इन लोगों ने आवेदन नहीं किया। अभी तक इन्हें हटाये जाने का कोई आदेश शासन से नहीं आया है।

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