उत्तराखंड

हेपेटाइटिस विषाणु जनित रोग लीवर को पहुंचाता है क्षति: डाॅ पाल..

हेपेटाइटिस विषाणु जनित रोग लीवर को पहुंचाता है क्षति: डाॅ पाल..

हेपेटाइटिस से बचाव को जागरूकता पर दिया जोर

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर गोष्ठियों का हुआ आयोजन

स्वास्थ्य विभाग व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जागरूकता शिविर आयोजित

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर संगोष्ठियों का आयोजन कर वायरल हेपेटाइटिस से बचाव व रोकथाम के लिए जागरूकता पर जोर दिया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ बीके शुक्ला के निर्देशन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अगस्त्यमुनि व ऊखीमठ में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। वहीं जिला चिकित्सालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ राजीव पाल ने वायरल हेपेटाइटिस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अधिवक्ता यशोधा खत्री ने वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता पर जोर दिया।

कहा कि हेपेटाइटिस विषाणु जनित रोग है, जो लीवर को क्षति पहुंचाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित संगोष्ठी में राजकीय बालिका इंटर कालेज अगस्त्यमुनि की छात्राओं को हेपेटाटिस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ हेमा असवाल ने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार का होता है,

जिसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई शामिल है। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल व भोजन के उपयोग से व हेपेटाइटिस बी व सी संक्रमिक रक्त एवं रक्त उत्पादों से, असुरक्षित यौन संबंध से हो सकता है। थकान लगना, भूख न लगना, जी मचलाना, सिर दर्द, बदन दर्द, पेट दर्द व पीलिया आदि हेपेटाइटिस के लक्षण हैं। हेपेटाइटिस बी व सी में लीवर सिरोसिस या कैंसर भी हो सकता है। हेपेटाइटिस बी एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक है कि गर्भवती महिलाओं में उनके शिशुओं में भी फैल सकती है। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर संबंधित को चाहिए कि वह तत्काल निकटवर्ती चिकित्सालय में जाकर जांच कराए।

यह भी सुनिश्चित कराएं की बच्चे को हेपेटाइटिस टीके की शून्य डोज जरूर लगवाएं।

हेपेटाइटिस से बचाव व रोकथाम के लिए भोजन को पकाने व खाने से पहले तथा शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करने, बाजार के खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करने, हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने, अधिकृत ब्लड बैंक से ही रक्त लेने की अपील की गई।कार्यक्रम में डाॅ मनीष, डाॅ रविंद्र, डाॅ शाकिब हुसैन, डाॅ दीपाली, डाॅ अक्षिता, कलम सिंह, अंकित चौहान , चंद्रलाल आदि मौजूद थे।

 

 

 

 

 

 

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