उत्तराखंड

बंजर हो चुके राजकीय उद्यानों को लीज पर देगी सरकार..

बंजर हो चुके राजकीय उद्यानों को लीज पर देगी सरकार..

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार बंजर हो चुके राजकीय उद्यान (बगीचों) को लघु और दीर्घ काल के लिए लीज पर देगी। आगामी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। इसके लिए सरकार ने 93 बगीचों को तीन श्रेणी में बांटा है। जिसमें ए श्रेणी के बगीचों को जड़ी बूटी, चाय विकास बोर्ड को दिए जाएंगे। जबकि बी श्रेणी के बगीचों को लघु और सी श्रेणी के दीर्घ काल के लिए लीज दिए जाएंगे। टिहरी के गजा में माली प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। जल्द ही प्रदेश की खाद्य प्रसंस्करण नीति तैयार की जाएगी।

 

विधानसभा में कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने अधिकारियों की बैठक में योजनाओं की समीक्षा की। जिसमे उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नर्सरी एक्ट की शीघ्र नियमावली तैयार की जाए। जिससे एक्ट को राज्य में लागू किया जा सके। नर्सरी एक्ट के लागू होने से किसानों को गुणवत्ता युक्त पौधे प्राप्त होंगे। घटिया पौधे देने वाली नर्सरी संचालकों के खिलाफ जुर्माना व सजा की कार्रवाई की जाएगी।

 

टिहरी जिले गजा में माली प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष में 382.75 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस केंद्र में छह न्याय पंचायतों व टिहरी जनपद के नौ विकासखंडों के अल्प शिक्षितों को माली प्रशिक्षण दिया जाएगा। बागवानी उत्पादकों के लिए कोल्ड रूम एवं कोल्ड हाउस हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर को छोड़कर आई एम ए विलेज में निर्माण हेतु जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया एवं पूर्व स्थापित अवस्थापना सुविधा का चयन कर प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिए गए।

 

साथ ही मधुग्राम के संदर्भ में भी प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। मधुग्राम के अंतर्गत एकीकृत आदर्श ग्राम योजना में चयनित ग्रामों में से ही प्रत्येक जनपद के किसी एक न्याय पंचायत का चयन किया जाएगा और न्याय पंचायत क्लस्टर के रूप में 500 लाभार्थियों को मौनगृह एवं मौनवंश के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना में 13 जनपदों की 6500 कास्तकारों, मौनपालकों को लाभान्वित किया जायेगा। इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव को वर्षिक व्यय आकलन करते हुए नई मांग प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया।

 

कृषि मंत्री का कहना हैं कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत आगामी पांच सालों में प्रदेश में 1591 प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने दिया है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य में जल्द खाद्य प्रसंस्करण नीति बनाई जाएगी। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में प्रोसेसिंग उद्योग लग सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना के तहत समूह के माध्यम से अधिकतम लोगों को लाभ दिया जाएगा। जिसमें 20 हजार किसानों को मशरूम उत्पादन से जोड़ा जाएगा। इस योजना के लिए बजट न होने से अनुपूरक बजट में बजट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव राम विलास यादव, निदेशक उद्यान हरविंदर सिंह बावेजा, निदेशक रेशम विभाग अरविंद यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

 

माइक्रो सिंचाई योजना में बढ़ैगी सब्सिडी..

प्रदेश के छोटे किसानों को सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा से लाभान्वित करने के लिए सरकार सब्सिडी को 25 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। पूर्व में सरकार ने योजना में गैप फंडिंग के लिए नाबार्ड को प्रस्ताव भेजा था। लेकिन इस पर अभी बात नहीं बनी। अब सरकार जल्द ही बैठक कर सब्सिडी बढ़ाने पर निर्णय लेगी।

 

खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों का परीक्षण कराने के निर्देश..

कृषि मंत्री का कहना हैं कि वर्ष 2015 में केंद्रीय वित्त पोषित खाद्य प्रसंस्करण योजना शुरू की गई थी। जिसमें कई प्रोसेसिंग उद्योग ने आवेदन किया। लेकिन बाद केंद्र ने योजना को बंद कर दिया है। इस योजना के तहत लगे उद्योगों को लाभ नहीं मिल पाया गया। मुख्य सचिव को ऐसे प्रोसेसिंग इकाईयों का परीक्षण कर कैबिनेट में प्रस्ताव लाने को कहा गया है।

 

हर ब्लाक में बनेंगे 30 मीट्रिक टन के कोल्ड स्टोर..

बागवानी उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए हर ब्लाक में 30 मीट्रिक टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर बनाए जाएंगे। इसके लिए सभी जनपदों से प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए।

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