उत्तराखंड

बुधवार की सुबह लेकर आई तबाही, मलबे में जिंदा दफन हुए दो मासूम..

बुधवार की सुबह लेकर आई तबाही, मलबे में जिंदा दफन हुए दो मासूम..

 

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में जहां ओर बारिश कहर बनकर बरस रही है, वही जगह-जगह से भूस्खलन की खबर आ रही है। केदारनाथ घाटी से फिर बड़े हादसे की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि केदारनाथ यात्रा पड़ाव के गौरीकुंड (गौरी गांव) में नेपाली मूल के तीन बच्चे भूस्खलन की चपेट में आने से दब गए। मलबे में जिंदा दफन होकर दो मासूमों की मौत हो गई है। वहीं एक गंभीर घायल है। वहीं दूसरी ओर गौरीकुंड हादसे के 6 दिन बाद भी लापता 20 लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

जानकारी के अनुसार गौरीकुंड गांव में हेलीपैड से आगे गांव के नीचे एक नेपाली परिवार के ऊपर के खेत से मलबा आ गया। इस दौरान मलबे में परिवार के चार सदस्य दब गए। मलबे में दबी महिला को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया जबकि उसके तीनों बच्चे मलबे में दब गए। राहत बचाव टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल बच्चों को तत्काल गौरीकुंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है

बताया जा रहा है कि हादसे में बच गयी बालिका की पहचान 8 वर्षीय स्वीटी के रूप में हुई है जबकि उसकी छोटी बहन पांच वर्षीय पिंकी तथा एक अन्य बच्चा मृतकों में शामिल हैं। बच्चों का पिता सत्यराज मजदूरी करता है तथा हादसे के वक्त वह अपने गांव नेपाल गया हुआ था। गौरीकुंड गांव में स्थित घटनास्थल की दूरी उस स्थान से महज कुछ किलोमीटर दूर है जहां पांच दिन पहले हुए भूस्खलन में तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और 20 अन्य लापता हो गए थे।

 

 

 

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