उत्तराखंड

गंगा को स्वच्छ रखना जरूरी: गुणवंत

नमामि गंगे एवं हरेला पर्व के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

रुद्रप्रयाग। राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी (विद्यापीठ) की ओर से नमामी गंगे एवं हरेला पर्व के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें केदारघाटी दैवीय आपदा पीड़ित सहायता समिति कोरखी द्वारा सहयोग करते हुए स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अपर जिलाधिकारी गुणवंत एवं उप जिलाधिकारी ऊखीमठ गोपाल सिंह चैहान ने दीप प्रज्जवलित करते हुए किया। कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी गुणवंत ने कहा कि गंगा की अविरलता बनी रहे, इसके लिए सभी को गंगा का स्वच्छ रखना होगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के शीर्ष से मंदाकिनी का उद्गम हो रहा है और यहां से गंगा बहते हुए आगे को निकल रही है, इसके लिए जरूरी है कि हमें गंगा को उद्गम से ही साफ रखना होगा। तभी जाकर आगे भी गंगा साफ रहेगी। कहा कि गंगा सेवकों का कर्तव्य है कि वे गंगा की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता के लिए कार्य करें। उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चैहान ने कहा कि केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी नमामि गंगे योजना का मकसद है कि गंगा को स्वच्छ बनाये रखना है, जिससे गंगा अविरल बहती रहे।

उन्होंने कहा कि आज गंगा की स्वच्छता जरूरी है। मनुष्य कूड़ा-करकट की गंदगी को नदियों में फैंक रहा है, जिस कारण गंगा प्रदूषित हो रही है। पूर्व प्रधान गौरीकुंड मायाराम गोस्वामी ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित और गंगा को स्वच्छ रखना हमारा दायित्व है। जंगलों में अत्यधिक दोहन से प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा है। विकास कार्यों में प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा है, इसके लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक पेड़ों का रोपण किया जाय। इस मौके पर केदारघाटी देवी आपदा पीड़ित सहायता समिति के अध्यक्ष देव प्रकाश सेमवाल, पूर्व प्रमुख ममता नौटियाल, भाजपा नेत्री शकुन्तला जगवाण, प्राचार्य पीएस जगवाण, चरण सिंह नेगी, बुद्धिबल्लभ थपलियाल, शूरवीर सिंह राणा, शकुन्तला जगवाण, नर्वदा देवी, विक्रम सिंह नेगी, दलीप सिंह राणा सहित तीन सौ से अधिक गंगा सेवक मौजूद थे।

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