उत्तराखंड

योजनाओं के निर्माण में बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता देने की जरूरत: तीरथ..

दिशा की बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश..

जनता व अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय पर जोर, अधिकारी पूरी जानकारी से रहें अपडेट..

 

 

रुद्रप्रयाग: गढ़वाल सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए दृढ इच्छाशक्ति से काम करना होगा। उन्होंने योजनाओं के निर्माण में बुनियादी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की जरूरत बताई। सांसद रावत यहां विकास भवन सभागार में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में बतौर अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। विभागवार योजनाओं की समीक्षा करते हुए सांसद ने गत बैठक में पारित प्रस्तावों के अनुपालन की स्थिति जानी और मौजूदा समय में गतिमान विकास कार्यों की स्थिति पर चर्चा-परिचर्चा की। अधिकारियों से सवाल-जवाब करते हुए सांसद ने कहा कि अधिकारियों को पल्लू झाड़ने की आदत त्यागनी होगी।

 

स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा के दौरान सांसद ने कहा कि गरीब व असहाय पीड़ितों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना जिम्मेदारी समझकर सेवाभाव जागृत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी योजना तभी कारगर साबित होगी जब धरातल स्थल पर काम होगा। उन्होंने अधिकारियों से विकास योजनाओं आधारित पूरी जानकारियों से लैस रहने की जरूरत बताई। आपदा की दृष्टि से जनपद रुद्रप्रयाग की संवेदनशीलता को देखते हुए सांसद रावत ने विद्युत, स्वास्थ्य, पेयजल, पूर्ति एवं परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारियों को जरूरी संसाधनों के इंतजामात करने को कहा।

 

 

 

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आपदा के समय जमीनी स्तर पर आ रही परेशानियों से निपटने के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य करें। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जिले में संचालित विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विकास योजनाओं के लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी रखते हुए अधिकारियों से कहा कि जनता से परस्पर संवाद बनाते हुए समस्याओं के निराकरण की पहल करें। इसके लिए उन्होंने सुनियोजित ढंग से फील्ड विजिट की कार्ययोजना तैयार करने को कहा। जिलाधिकारी ने बाल विकास के अनिस्तारित शौचालय निर्माण के मुद्दे को एक सप्ताह अंतर्गत निस्तारण करने को कहा। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रेफरल रिपोर्ट प्रतिदिन उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए स्वयं भी अपडेट रहने को कहा।

 

उन्होंने विद्युत विभाग को सख्त निर्देश दिए कि झूलते तार व लटकते पोलों की स्थिति कहीं न रहे। रुटीन मैंटनेंस में इसकी कारगार व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने अधिकारियों से फील्ड विजिट की गतिविधियों को शेयर करने की जरूरत बताते हुए कहा कि यह कार्य मोटीवेशन की दिशा में बेहतर प्रयास होगा। बैठक में मनरेगा के वित्तीय एवं भौतिक कार्यों की समीक्षा की गई। जिसके तहत आजीविका पैकेज मॉडल, जल शक्ति अभियान कीवी क्लस्टर, मत्स्य पालन आदि सम्मिलित थे। जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष कुल 981 लक्ष्य के सापेक्ष्य 955 लाभार्थियों को पहली किश्त अवमुक्त की गई है।

 

पीएमजीएसवाई योजना, समाज कल्याण, शहरी विकास, स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पंचायत अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, तिलवाड़ा एवं नगर पालिका रुद्रप्रयाग के वित्तीय एवं भौतिक कार्यों की समीक्षा की गई। स्वजल परियोजना अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन के तहत आवंटित योजनाओं जल जीवन मिशन के कवरेज स्टेटस की जानकारी अधिशासी अभियंता द्वारा रखी गई। बताया गया कि 637 ग्राम पंचायतों के लक्ष्य के सापेक्ष 136 योजनाओं पर प्रथम फेज का कार्य पूर्ण हो चुका है। चिकित्सा विभाग की समीक्षा के दौरान गढ़वाल सांसद ने वैक्शीनेशन के लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मांगी।

 

 

 

इसके साथ ही शत-प्रतिशत सैंपलिंग लक्ष्य की प्राप्ति का कार्य करने को कहा। सर्व शिक्षा अभियान एवं मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा करते हुए कुकिंग कॉस्ट, निःशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं खाद्यान्न वितरण की जानकारी प्रस्तुत की गई। इसके अलावा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग आदि योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इससे पूर्व जिलाधिकारी ने सांसद एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत का अभिवादन करते हुए आश्वस्त किया कि बैठक में प्राप्त निर्देशों के निराकरण हेतु पूरे मनोयोग से जनपद में कार्य करवाया जाएगा।

 

बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, सांसद प्रतिनिधि विजय कप्रवाण, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी मनविंदर कौर, परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, संयुक्त मजिस्ट्रेट जयकिशन, प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी एल.एस. दानू, परियोजना अर्थशास्त्री एम.एस. नेगी सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। संचालन परियोजना निदेशक रमेश चंद्र ने किया।

 

 

 

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