मेक इन इंडिया के तहत स्वेदशी ट्रेन-18 का पहला ट्रायल…
देश/ विदेश : मेक इन इंडिया के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट ट्रेन-18 कड़े टेस्ट से गुजरने को तैयार है। मेट्रो जैसे लुक वाली देश की पहली सेमी हाई स्पीड लग्जरी ट्रेन-18 का पहला स्पीड और लोड ट्रायल बरेली-मुरादाबाद और सहारनपुर ट्रैक पर होगा। उद्घाटन के बाद ट्रेन 10 नवंबर को दिल्ली पहुंच चुकी है। गुरुवार को तकनीकी दल और लखनऊ से रेलवे के रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंड रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडड्र्स ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) टीम के पहुंचने की संभावना है। इससे पहले स्पेन की चर्चित टैल्गो ट्रेन का ट्रायल भी इसी रूट पर हुआ था।
यूरोपियन स्टैैंडर्ड को ध्यान में रखकर तैयार ट्रेन-18 मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसे लुक के कारण पहले ही सुर्खियों में है। तमाम खूबियों से भरपूर लग्जरी ट्रेन को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है। इसे बिना इंजन वाली देश की पहली रेलगाड़ी भी कहा जा रहा है। वो इसलिए क्योंकि इसका इंजन सीधे कोच से कनेक्ट होगा। केवल ड्राइवर का केबिन दिखेगा और बाकी हिस्से में पैसेंजर के लिए सीटें होंगी। ट्रेन-18 स्पीड के मामले में भी राजधानी, शताब्दी और गतिमान जैसी ट्रेनों को पीछे छोड़ देगी।
इसलिए खास है ट्रेन-18
. पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है और बुलेट ट्रेन के मॉडल पर है। भीतर से ही एक से दूसरे छोर तक जा सकते हैं।
. बिना इंजन के जिस कोच में ड्राइविंग सिस्टम है, उसमें 44 सीट पैसेंजर की हैं।
. स्पेन से आई विशेष सीट 360 डिग्री तक घुमाई जा सकती हैं
. ट्रेन 100 करोड़ रुपये में ही तैयार हुई है, जबकि आयात करने में 170 करोड़ रुपये खर्च होते।
. मेक इन इंडिया के तहत रिकार्ड 18 महीने में ही तैयार हुई
. कोच में दिव्यांग जनों के लिए बाथरूम और बेबीकेयर की भी।
. हर कोच में सीसीटीवी कैमरे, आपात स्थिति में ड्राइवर से बात करने के लिए टॉक बैक सिस्टम।
. पुरानी चेन व्यवस्था की जगह हर कोच में दो इमरजेंसी स्विच हैं
. दो एग्जिक्यूटिव क्लास कोच में 52-52 सीट और एसी युक्त ट्रेलर कोच में 78 सीट
ट्रेन 18 का बरेली-मुरादाबाद और सहारनपुर रूट पर ट्रायल होना प्रस्तावित है। गुरुवार तक आरडीएसओ का स्टाफ और ट्रेन-18 भी मुरादाबाद आने की उम्मीद है।