नैनीताल। जर्जर हो चुके स्कूली भवनों में बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बेहद गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बच्चे अपनी जान की हिफाजत खुद करें। पांडे ने कहा कि वे कोई ‘शक्तिमान’ नहीं हैं, कि खतरा होने पर तुरंत बच्चों की जान बचा लेंगे। अरविंद पांडे ने यह बात नैनीताल में कही जहां वे एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे हुए थे। इस बयान के सामने आने के बाद अरविंद पांडे की खूब आलोचना हो रही है। दरअसल स्कूलों की खस्ताहाल इमारतों का हवाला देते हुए
मंत्री जी से यह सवाल किया गया था कि मानसून आने के बाद प्रदेश के कई स्कूलों में छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हो हैं। इस सवाल के जवाब में मंत्री ने यह संवेदनहीन बयान दिया। हलांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि प्रदेश में कई स्कूलों की हालत खराब है तथा उन तक पहुंचने वाले रास्ते बड़े खतरनाक हैं।
पांडे ने कहा कि सरकार स्कूलों की हालत सुधारने का पूरा प्रयास कर रही है, और इसमें समय लगेगा। उन्होंने कहा कि, खस्ताहाल स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्रों के परिजनों को सोचना चाहिए कि जिन्दगी से बढ़कर कुछ नहीं है, इसलिए उन्हें सोच-समझकर बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए। मंत्री ने कहा कि, ‘जिंदगी रही तो पढ़ाई अगले साल कर लेंगे।’ शिक्षा मंत्री प्रतिभा सम्मान समारोह में शिरकत करने के लिए नैनीताल आए थे।