उत्तराखंड

दून विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 30 नवंबर को…

दून विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 30 नवंबर को…

दून विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 30 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इसमें सफल छात्रों को उपाधि प्रदान की जाएगी।

देहरादून : दून विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह 30 नवंबर को आयोजित होगा। समारोह में वर्ष 2011 से 2016 तक के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के सफल छात्रों को उपाधि प्रदान की जाएगी। विभिन्न विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को डिग्री प्रशस्ति पत्र व स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। साथ ही जिन शोध छात्रों की मौखिक परीक्षा 31 अक्टूबर से पूर्व संपन्न हो गई हो, उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाएगी।

दून विवि प्रख्यात शिक्षाविद व सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी व लोकप्रिय लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान करेगा। यह जानकारी दून विवि के कुलपति, डॉ. सीएस नौटियाल ने शुक्रवार को बयान जारी कर दी। बताया कि दीक्षांत समारोह की तैयारियों के लिए विवि के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अलग-अलग जिम्मेदारिया दी गई हैं। साथ ही विवि में सौंदर्यीकरण का कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है।

विवि के कुलसचिव डॉ. एमएस मंद्रवाल ने अवगत कराया कि दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए विवि ने ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा अपनी वेबसाइट में उपलब्ध करा रखी है। उक्त सत्रों के सभी अभ्यर्थी 25 नवंबर तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। दीक्षांत समारोह के लिए गाउन 29 नवंबर को प्रात: 11 बजे से दो बजे तक विवि के प्रशासनिक भवन से प्राप्त किए जा सकते हैं। फुल हाउस रिहर्सल उसी दिन दोपहर दो बजे से विवि के स्टेडियम में आयोजित होगा।

विवि के वर्ष 2011 से 2016 के उत्तीर्ण स्नातक व स्नातकोत्तर व स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ता व पीएचडी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को फुलहाउस रिहर्सल व दीक्षांत समारोह में कार्यक्रनुसार आमंत्रित किया जाता है। दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी स्वीकृति प्रदान की है। समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दे चुके शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

नित्यानंद संस्थान को मिली स्वीकृति कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल ने कहा कि विवि परिसर में डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध व अध्ययन केंद्र में चलने वाले स्नातकोत्तर भूगर्भ विज्ञान व भूगोल विषयों के पाठ्यक्रम को विवि की अकादमिक परिषद व कार्य परिषद से औपचारिक स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। साथ ही उत्तराखंड की भाषाओं व बोलियों के संरक्षण व संव‌र्द्धन के सशक्त प्रयास किए जाने की भी अनुमति प्राप्त कर ली गई है।

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