जानकारी न होने पर सिंचाई विभाग रुद्रप्रयाग और केदारनाथ से डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण
अधिकारी अपनी कार्यशैली में लायें बदलाव: मंगेश
रुद्रप्रयाग। सिंचाई खण्ड रुद्रप्रयाग और केदारनाथ के सहायक अभियंताओं के पास जन शिकायतों की पूरी जानकारी न होने पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियान ने नाराजगी जताते हुए दोनों सहायक अभियंताओं से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही बैठक में अनपुस्थित रहने वाले अधिकारियों को रविवार के दिन सुबह छह बजे जिलाधिकारी कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जनता की शिकायतों को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लायें। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याएं तभी हल हो सकती हैं, जब अधिकारी पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने जिले में दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त सभी विद्यालयों की तत्काल सूची तैयार करने और आपदा मद और मनरेगा के तहत इन विद्यालयों की मरम्मत की करने को कहा। ताकि विद्यालय सुचारू तरीके से संचालित हो सकें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित करे कि किसी भी कार्य के लिए मनरेगा के तहत लेबर चार्ज का भुगतान किया जाय, अन्य भुगतान जिला योजना के तहत किया जाय। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि राइका रुद्रप्रयाग को जोड़ने वाली सड़क मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही तत्काल बंद की जाय, इससे जहां मार्ग खराब हो रहा है, वहीं दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है। जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल लोनिवि के अधिकारियों को सडक पर बैरियर लगाने के निर्देश दिए।
बसुकेदार क्षेत्र के ग्रामीणों ने शिकायत की कि क्षेत्र में अवैध तरीके से कच्ची शराब बनाई जा रही है और घंगासू बांगर में इसकी नियमित सप्लाई हो रही है, जिससे क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने पुलिस उपाघीक्षक को तत्काल निरीक्षण करने के निर्देश दिए। चाका के ग्रामीणों ने बताया कि अगस्त्यमुनि-चाका झूलापुल स्वीकृत था, लेकिन आपदा के बाद लगातार उस जगह पर लैंड स्लाडिंग हो रही है, जिससे पुल निर्माण अधर में लटका हुआ है। जवाहरनगर के ग्रामीणों ने क्षेत्रांतर्गत आपदा के बाद बंद पडे चार हैण्ड पम्पों को पुनः सुचारू करने की मांग की है। फलासी के ग्रामीणों ने बताया कि सौरगढ तोक से भटवाडी तोक तक पीएमजीएसवाई की सडक से गूल एक व दो क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके निर्माण के लिए सिंचाई विभाग ने पीएमजीएसवाई से 25 लाख की डिमाण्ड की थी, लेकिन अभी चार लाख रूपए ही मिले हैं। जिससे गूलों का निर्माण लटका हुआ है। जिस पर
जिलाधिकारी ने कहा कि तत्काल दोनों विभाग आपसी सामंजस्य से गूलों का निर्माण करें, ताकि काश्तकारों की खेती प्रभावित ना हो।
जिलाधिकारी ने तेवडी गांव में वर्षों पुरानी जीर्णशीर्ण सिंचाई गूल के निर्माण में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विभाग से एस्टीमेट मांगा गया था, लेकिन अभी तक एस्टीमेट तैयार नहीं किया गया है, उन्होंने अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया कि जब तक एस्टीमेट तैयार नहीं किया जाता तब तक एई का वेतन रोक दिया जाय।
इस अवसर पर मृतक दर्शन सिंह रावत की पत्नी ने बताया कि उनके पति पशुपालन में क्षेत्र प्रसार अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, लेकिन 2011 में तबियत खराब होने पर उनका जोलीग्राण्ट हास्पिटल लम्बा इलाज चला, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी, लेकिन अभी तक चिकित्सा क्षतिपूर्ति का पैसा नहीं मिला हैं। इस पर सीबीओ ने बताया कि आर्जिनल बिल न होने से दिक्कतें आ रही हैं। जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया सीएमओ से बातचीत कर मामले को जल्द से जल्द निपटाएं। इस अवसर पर एडीएम तीरथपाल सिंह, प्रभारी अधिकारी कलक्ट्रेट देवानंद, एसडीएम सदर मुक्त मिश्र, एसडीएम उखीमठ गोपाल सिंह सहित अन्य मौजूद थे।