उत्तराखंड

जिले के 6 बाल वैज्ञानिकों का राज्य स्तर के लिए चयन..

जिले के 6 बाल वैज्ञानिकों का राज्य स्तर के लिए चयन..

डायट रतूड़ा में जनपद स्तरीय इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता का आयोजन..

तीनों विकासखंडों के बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडल व प्रोजेक्ट के साथ किया प्रतिभाग..

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रुद्रप्रयाग में बच्चों के नवाचारी खोजों की इन्सपायर अवार्ड प्रतियोगिता संपंन हुई। प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य डायट विनोद प्रसाद सिमल्टी, राइंका रतूड़ा के प्रधानाचार्य त्रिपाठी, खण्ड शिक्षा अधिकारी वाईएस रावत, एनआईएफ बैंगलुरू की गरिमा ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया। सभी अतिथियों का बैज अलंकरण करने के साथ पुष्प और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया। डायट रतूड़ा की प्रशिक्षु छात्राओं ने सरस्वती वंदना के साथ उत्तराखंड वंदन गीत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए जिला समन्वयक इंस्पायर अवार्ड डाॅ विनोद कुमार यादव ने कहा कि विगत वर्ष से हमारे जनपद में शत-प्रतिशत विद्यालयों द्वारा इन्सपायर अवार्ड में प्रतिभाग किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए जनपद के सभी विद्यालयों के मार्ग-दर्शक शिक्षकों और प्रतिभागी विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। डाॅ यादव ने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिए जनपद के 72 विद्यार्थियों का चयन डीएलईसीपी के लिए हुआ है, जो इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे हैं।

इस प्रतियोगिता से चुनकर 6 बाल वैज्ञानिक राज्य स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे। प्रतियोगिता के समन्वयक रमेश चन्द्र मैठाणी ने इन्सपायर अवार्ड में प्रतिभाग करने से लेकर पूरी चयन प्रक्रिया से अवगत कराया। राइंका रतूड़ा के प्रधानाचार्य ने अपने वक्तव्य में बच्चों को अधिक से अधिक नवाचार करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि बच्चे लगातार प्रयोग करने में रूचि लें। खण्ड शिक्षा अधिकारी रुद्रप्रयाग ने बच्चों का आहवान करते हुए कहा कि वे हर पल कुछ न कुछ ऐसा नया सोचते रहें जो समाजोपयोगी हो और हमारे दैनिक कार्यों में सहायक हो। मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद प्रसाद सिमल्टी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यालयों द्वारा इन्सपायर अवार्ड में शत-प्रतिशत नामांकन करना अपने आप में एक उपलब्धि है।

उन्होंने बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि बच्चे अगले चरणों में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। प्रतियोगिता की निर्णायक गरिमा एनआईएफ बैंगलुरू द्वारा बच्चों के नवाचारों की प्रशंसा की गई। गरिमा ने कहा कि बच्चों को विज्ञान के प्रति रूचि लेते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ, वैज्ञानिक विधियों से जांच परख कर ही अपने सिद्धांत गढ़ने चाहिए। जिले भर के 72बच्चों में से 6 बच्चे क्रमशः यशवन्त सिंह मिंगवाल का बॉक्स विद फ्लोटिंग स्टैंड, ज्योति का वाटर टैंक इन द हाउस फ्री फ्राम गार्वेज, आयुष के घास कंडी, बेबी अनामिका के टॉर्च वेरियर, दिया के स्कूल बैग फार स्टूडेंट्स और सुमित राणा के घसियारी किट को राज्य स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए चयनित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन भुवनेश्वरी चंदानी ने किया। इस अवसर पर इन्सपायर अवार्ड जिला समन्वय डाॅ विनोद कुमार यादव, डाॅ सुबोध गैरोला, रमेश चन्द्र मैठाणी, आनंद प्रकाश मखनवाल, देवानंद गैरोला, अनिल चैकियाल, एचबी डिमरी, भुवनेश्वरी चंदानी, डॉ राखी बिष्ट, डाॅ इन्दु कांता भण्डारी, रूचिना पुरी, आनंद सिंह जगवाण, डाॅ गुरू प्रसाद सती, विजय चौधरी , पीयूष शर्मा, पंकज भट्ट, रविन्द्र पंवार, शंकर सिंह रावत, रेणुका कठैत, डीएस राणा, हेमंत चैकियाल सहित सभी विद्यालयों के मार्ग-दर्शक शिक्षक उपस्थित थे।

 

 

 

 

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