उत्तराखंड

धारी देवी डोली यात्रा का 21 दिवसीय आयोजन-देखे वीडियो..

ऐसा रहस्यमय मंदिर, जहां माता की मूर्ति दिन में तीन बार बदलती है अपना रूप..

उत्तराखंड: दिव्या माँ धारी देवी डोली यात्रा 2021 इस बार बड़े हर्ष के साथ प्रारम्भ होने जा रही हैं। 7 फ़रवरी को धारी देवी की डोली माँ धारी देवी के स्थान से प्रस्थान करेगी और 27 फ़रवरी तक धारी देवी का 21 दिवसीय आयोजन होगा। इसके साथ ही 7 फ़रवरी से 11 फ़रवरी तक धारी देवी की डोली रुद्रप्रयाग में रुद्रेश्वर महादेव मंदिर में रहेगी। और उसके बाद श्रीनगर, पौड़ी, कोटद्वार ,हरिद्वार,रूड़की और मेरठ में धारी देवी की डोली पहुंचाएगी जाएगी। उसके बाद 26 फ़रवरी तक दिल्ली में धारी देवी की डोली रहेगी।

 

बद्रीनाथ -केदारनाथ यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। जो देवभूमि उत्तराखंड की रक्षक के रूप में जानी जाती हैं।शक्ति पीठों में कालीमठ का वर्णन पुराणों में मिलता है। मान्यता है कि कालीमठ मंदिर से ही मूर्ति का सिर वाला भाग बाढ़ से अलकनंदा नदी में बहकर धारी गांव नामक स्थान पर आ गया। गांव की धुनार जाति व स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर सिर वाले भाग को समीपवर्ती ऊंची चट्टान पर स्थापित किया।

मंदिर में दर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि यहां मां काली प्रतिदिन तीन रूप बदलती है। वह प्रात:काल कन्या, दोपहर में युवती व शाम को वृद्धा का रूप धारण करती हैं।हर साल चैत्र व शारदीय नवरात्र में हजारों श्रद्धालु अपनी मनौतियों के लिए मंदिर में आते हैं। इसके अलावा चारधाम यात्रा के दौरान भी हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं।

 

 

माता धारी देवी का मंदिर काफी प्राचीन बताया जाता है। माता का सिद्धपीठ उत्तराखंड के श्रीनगर से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित कलियासौड़ इलाके में अलकनंदा नदी के तट पर बसा है। माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास काफी सालों पुराना है।जानकारों के मुताबिक यहां वर्ष 1807 के साक्ष्य पाएं गए हैं। जबकि यहां के ग्रामीण लोगों और मंदिर के महंत का कहना है कि मंदिर इससे भी कई साल पुराना है।

प्राचीन मंदिर होने के कारण इस मंदिर से भक्तों की गहरी आस्था जुड़ी है। माता धारी देवी के मंदिर में आपको ढेरों घंटियां दिखेंगी। पूजा के समय घंटी की आवाज दूर-दूर तक जाती है, जिसके बाद यहां दर्शनाभिलाषियों का तांता लग जाता है। यहां भक्त आपको माता के जयकारे लगाते हुए दिख जाएंगे।

 

 

आप यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। आप श्रीनगर निजी वाहनों या प्राइवेट-सरकारी बसों के द्वारा जा सकते हैं। देहरादून से श्रीनगर की दूरी मात्र 156 किमी की है। यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है और नजदीकी हवाईअड्डा जॉली ग्रांट जो देहरादून में स्थित है। ऋषिकेश से श्रीनगर की दूरी 113 किमी रह जाती है।

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