उत्तराखंड

पैतृक संपत्ति पर बेटी का भी अधिकार..

पैतृक संपत्ति

पैतृक संपत्ति पर बेटी का भी अधिकार..

उत्तराखंड : उत्तराखंड में बेटियों को भी अब पिता की संपत्ति पर हक मिलेगा। पिता के निधन के बाद जमीन-मकान आदि के राजस्व रिकॉर्ड में बेटों के साथ अविवाहित बेटी का नाम दर्ज होगा। अब बेटियों का भी पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा।

राजस्व विभाग इस बदलाव के लिए तो प्रस्ताव तैयार कर ही रहा है, साथ ही अब अविवाहित बेटी का नाम भी पिता की संपत्ति के रिकॉर्ड में दर्ज करने की तैयारी है। विभाग के मुताबिक, इस फैसले के बाद अगर किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो उसकी संपत्ति के रिकॉर्ड में पत्नी, बेटों और बेटों की पत्नियों के साथ ही अविवाहित बेटी का नाम भी दर्ज होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि, संपत्ति विवाद कम हो सकें और महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

 

 

राजस्व रिकॉर्ड में महिलाओं और बेटियों के नाम दर्ज होने का बड़ा असर पड़ेगा। कई परिवारों में बेटे और बेटियों की संख्या अधिक होने एवं रिकॉर्ड में बेटों की पत्नियों के भी नाम जोड़ने पर एक-एक खसरे में बड़ी संख्या में नए नाम जोड़ने होंगे।

एक पिता के द्वारा खरीदी हुई, पैतृक संपत्ति होती है. जो पिछली चार पीढ़ियों से पुरुषों को मिलती आई है. कानून के मुताबिक, बेटी हो या बेटा ऐसी प्रॉपर्टी पर दोनों का जन्म से बराबर का अधिकार होता है. कानून कहता है कि पिता इस तरह की प्रॉपर्टी को अपने मन से किसी को नहीं दे सकता है. यानी इस मामले में वह किसी एक के नाम वसीयत नहीं कर सकता है. इसका मतलब यह है क‍ि वह बेटी को उसका हिस्सा देने से वंचित नहीं कर सकता है. जन्म से बेटी का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होता है.

अभी किसी व्यक्ति का निधन होने पर उसकी संपत्ति, पत्नी और बेटों के नाम दर्ज होती है। यदि व्यक्ति ने वसीयत कराई है, तो उसकी संपत्ति वसीयत में की गई व्यवस्था के तहत संबंधित व्यक्ति के नाम दर्ज होती है।

राजस्व विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव में पिता की संपत्ति के राजस्व रिकॉर्ड में बेटों के साथ बेटियों के भी नाम दर्ज करने का बिंदु जोड़ने की तैयारी है। अंतिम फैसला कैबिनेट स्तर पर ही लिया जाएगा।

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