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भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने लिया संन्यास..

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने लिया संन्यास..

देश-विदेश: भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। सोशल मीडिया पर लिखे एक लंबे-चौड़े पोस्ट के माध्यम से गुजरात के इस खिलाड़ी ने अपने 18 साल लंबे करियर का अंत किया। 35 वर्षीय पटेल ने भारत के लिए 25 टेस्ट, 38 एकदिवसीय और दो टी-20 इंटरनेशनल में प्रतिनिधित्व किया था। गुजरात के लिए 194 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेलने वाले पार्थिव का घरेलू क्रिकेट में रिकॉर्ड जबरदस्त है। इस साल के शुरुआत में रणजी ट्रॉफी में गोवा के खिलाफ उन्होंने 27वां प्रथम श्रेणी शतक भी लगाया था, जिसके बूते 11 हजार प्रथम श्रेणी रन भी पूरे किए।

2002 में पहली बार भारतीय टीम के लिए चुने गए पार्थिव पटेल ने 17 साल 153 दिन की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू किया, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। बाद में वह एकदिवसीय टीम के भी स्थायी विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए, लेकिन बाद में दिनेश कार्तिक और फिर महेंद्र सिंह धोनी की एंट्री के बाद 2004 में अपनी जगह गंवा दी। अमूमन भारतीय टीम का रास्ता रणजी ट्रॉफी से होकर गुजरता है, लेकिन दिलचस्प है कि टेस्ट डेब्यू के दो साल दो माह बाद 2004 में इस खिलाड़ी ने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला।

 

 

धोनी की वजह से खत्म हुआ करियर

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2018 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने वाले पार्थिव पटेल कभी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए। जबकि पिछली बार वह वन-डे प्रारूप में 2012 में खेले थे। हाल ही में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि, ‘मैं अपने को धोनी युग में खेलने के कारण अनलकी नहीं समझता। मेरे पास उनसे पहले प्रदर्शन करने का मौका था। धोनी इसलिए टीम में आए क्योंकि मैंने कुछ सीरीज अच्छी नहीं खेली और मुझे टीम से हटा दिया गया। धोनी ने अवसरों को भुनाया, जिसमें मैं असफल रहा।

 

छह टीमों से खेला IPL

भारतीय टीम से भले ही पार्थिव अंदर-बाहर होते रहे, लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग में उनकी एक अलग पहचान है। 35 साल की उम्र में अब तक वह छह अलग-अलग फ्रैंचाइजी की ओर से दम दिखा चुके हैं। 2008 से अब तक चेन्नई सुपरकिंग्स, डेक्कन चार्जर्स, कोच्ची टस्कर्स केरल, मुंबई इंडियंस, सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैंलेजर्स के लिए अपनी सेवाएं दे चुके पटेल तूफानी शुरुआत के लिए पहचाने जाते थे। 2019 में आरसीबी के उपकप्तान रहे इस खिलाड़ी को इस बार एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। 2015 में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए वह 339 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज बने थे।

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