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जानिए अगर किसी को दो अलग-अलग वैक्सीन की डोज लगेगी तो क्या होगा..

जानिए अगर किसी को दो अलग-अलग वैक्सीन की डोज लगेगी तो क्या होगा..

देश-विदेश: कोरोना टीकाकरण के तहत उत्तर प्रदेश में अठारह व्यक्तियों को अनजाने में या गलती से कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज और दूसरी के में कोवैक्सीन दी गयी। आईसीएमआर ने जिन्हें गलती से ये अलग अलग वैक्सीन मिली उनको क्या हुआ, साथ ही सेफ्टी और इम्युनोजेनेसिटी पता करने के लिए एक ऑब्जरवेशन स्टडी की। जिसमे उन सेफ्टी और इम्युनोजेनेसिटी की तुलना उन लोगों से की जिन्हें दोनो डोज कोविशील्ड या कोवैक्सीन मिली है।

 

इस ऑब्जरवेशन स्टडी में 98 लोगों को शामिल किया गया था। जिसमें से 40 लोगों को कोविशील्ड की दोनों डोज और 40 लोगों को कोवैक्सीन की ही दोनों डोज दी गई थी। इसके साथ ही 18 लोग ऐसे थे जिन्हें पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगाई गई जिसमे 11 पुरुष और 7 महिलाएं थी। ICMR की स्टडी में पाया गया है कि भारत मे कोरोना के खिलाफ दी जा रही दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन की मिक्स डोज देने से न सिर्फ कोरोना के खिलाफ बेहतर इम्युनिटी बनती है, बल्कि ये कोरोना के के वैरिएंट्स पर भी असरदार है।

 

इस ऑब्जरवेशन स्टडी के निष्कर्ष का कहना हैं की एडिनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म-आधारित वैक्सीन के के टीकाकरण के बाद इनएक्टिवेटिड व्होल वायरस वैक्सीन न केवल सुरक्षित थी बल्कि बेहतर भी इम्युनोजेनेसिटी भी देती है। वहीं जिन लोगों को दोनों अलग-अलग डोज दी गई, उनमें कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ इम्युनोजेनेसिटी प्रोफाइल काफी बेहतर दिखाई दी। इसके अलावा एंटीबॉडी और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी भी काफी ज्यादा थे।

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