उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग में वाहनों में ठूंस-ठूंस कर भरी जा रही सवारियां..

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बढ़ रहे कोरोना के मामले..

मैदान से गांव लौट रहे लोग नहीं कर रहे सोशल डिस्टेंस का पालन..

पुलिस चालान काटने तक सीमिति, कोरोना संक्रमण का बढ़ रहा खतरा..

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग जिले में कोरोना संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, बावजूद इसके रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में मैदान से गांव लौट रहे लोग सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिला मुख्यालय से गांव जा रहे वाहनों में लोगों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है, जबकि शासन द्वारा केवल पचास प्रतिशत सवारियां भरने के निर्देश गए हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिले में कोरोना एक्टिव केसों की संख्या साढ़े पांच सौ हो चुकी है, जबकि 23 मरीजों को कोटेश्वर कोरोना अस्पताल में भर्ती किया गया है और अन्य लोगों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

 

रुद्रप्रयाग जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसके लेकर पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा कोई सजगता से कार्य नहीं कर रहा है। अब तक जिले में कोरोना के कारण दो लोगों की मौत हो चुकी है और आये दिन एक्टिव केस बढ़ते जा रहे हैं। इसके बावजूद भी लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं। दो गज की दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है और भीड़भाड़ वाले स्थान में मास्क का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में दो बजे तक जिला मुख्यालय बाजार में जमकर भीड़ लग रही है, वहीं पुलिस केवल दुपहिया वाहनों के चालान काटने तक ही सीमित है। सोशल डिस्टेंस का पालन करवाने व गाड़ी में नियमानुसार सवारियों को बिठाने को लेकन पुलिस भी निष्क्रिय बनी हुई है।

व्यापार संघ जिलाध्यक्ष अंकुर खन्ना, विजयपाल जगवाण, प्रदीप चौधरी ने कहा कि पुलिस का ध्यान सिर्फ चालान काटने तक सीमित रह गया है। सरकार ने बाजार खुले रहने का समय दो बजे दोपहर रखा गया है। ऐसे में लोग अपनी दवाईयां, सब्जी, राशन सहित अन्य सामाग्री लेने के लिए आ रहे हैं। पुलिस की ओर से लोगों को जागरूक करने के वजाय चालान काटे जा रहे हैं। बाजार के भीतर ही पुलिस दबंगई से कार्य कर रही है। लोगों के नाजायज तरीके से चालान काटे जा रहे है, जबकि शहर से बाहर बैरियरों पर चालान काटे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस के रवैये से जनता में आक्रोश बना हुआ है।

 

व्यापारियों ने यह भी कहा कि सरकार को 2 बजे के बजाय 5 बजे तक मार्केट खोलने के दिशा-निर्देश निकालने चाहिए, ताकि एक साथ सभी लोग बाजार में भीड़ न बढ़ायें। मैदान से गांव लौट रहे लोग सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वाहनों में लोग को ठूंस-ठूंस कर भरे जा रहे हैं, जबकि शासन की ओर से केवल पचास प्रतिशत सवारियां भरने के निर्देश गए हैं। इस पर पुलिस का कोई ध्यान नहीं है। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इसे रोकने में पुलिस और स्वास्थ्य महकमा नाकाम दिखाई दे रहा है।

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