बारिश की भेंट चढ़ा कूलागाड़ पुल, रस्सियों के सहारे नदी पार कर रहे लोग..
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ में चीन-नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाला कूलागाड़ पुल बह गया। इस पुल के बहने से 25 हजार से अधिक आबादी गांवों में कैद हो गई है। नदी पार करने के लिए लोगों को अपनी जिंदगी तक दांव पर लगानी पड़ रही है। यहां ब्यास, दारमा और चौदांस घाटी समेत सैकड़ों गांव शेष दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं। लोग नदी के ऊपर रस्सियों के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। यही नहीं कई जगह तो लोग बिजली के पोलों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
आपको बता दे कि कूलागाड़ में बीआरओ ने 45 करोड़ की लागत से आरसीसी पुल बनाया था, जो कि 8 जुलाई को आसमानी आफत की भेंट चढ़ गया। इसके बाद प्रशासन अब यहां वैली ब्रिज बनाने जा रहा है, जिसे बनने में करीब 5 दिन का समय लगना है। कूलागाड़ पुल ही सैकड़ों गांव की आवाजाही का एकमात्र जरिया था। इस पुल के जरिए चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी दारमा, ब्यास और चौदांस घाटियां शेष दुनिया से जुड़ती थी। साथ ही बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के जवानों की आवाजाही भी इसी पुल से होती थी।