उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पर पाबंदी न लगाने पर विचार, सीएम धामी ने दिए संकेत..

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पर पाबंदी न लगाने पर विचार, सीएम धामी ने दिए संकेत..

 

 

 

 

 

 

 

 

चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के मुखर विरोध के कारण राज्य सरकार श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित करने के प्रस्ताव को स्थगित कर सकता है। तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की संख्या पर पाबंदी न लगाने पर विचार शुरू हो गया है।

 

 

 

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के मुखर विरोध के कारण राज्य सरकार श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित करने के प्रस्ताव को स्थगित कर सकता है। तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की संख्या पर पाबंदी न लगाने पर विचार शुरू हो गया है। यह बात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कही है। उनका कहना हैं कि केदारनाथ में प्रवेश करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का कोटा तय हो सकता है। बाकी धामों के बारे में सरकार विचार कर रही है।

पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा में बद्रीनाथ , केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की धारण क्षमता के आधार पर दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों का दैनिक कोटा निर्धारित करने की योजना बनाई है। चारधाम यात्रा में शामिल तीर्थ पुजारियों, होटल व्यवसायियों, ढाबा मालिकों और टैक्सी चालकों ने श्रद्धालुओं का कोटा निर्धारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया। इस पर सरकार ने प्रस्ताव पर निर्णय लिया। साथ ही अधिकारियों को हितधारकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए थे।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सभी हित धारकों के साथ बैठक की जा चुकी है, जिसमें चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत, होटल व्यवसायी और टैक्सी आपरेटरों ने श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का पुरजोर समर्थन किया था। 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होनी है। हितधारकों के विरोध को देखते हुए सरकार केदारनाथ को छोड़ गंगोत्री, यमुनोत्री व बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं के कोटे को समाप्त कर सकती है।

केदारनाथ धाम में तय हो सकता है कोटा..

आपको बता दे कि केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। पीएमओ से सीधे केदारनाथ धाम की निगरानी की जा रही है। केदारनाथ धाम के लिए लगभग 18 किमी. की पैदल चढ़ाई है। साथ ही केदारपुरी में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पर्याप्त होटल व धर्मशाला नहीं है। केदारनाथ धाम की विकट भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सरकार केदारनाथ धाम के लिए श्रद्धालुओं का कोटा तय कर सकती है।

 

 

 

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top