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रोहतक के अखाड़े में कोच ने खेला खूनी खेल..

रोहतक के अखाड़े

रोहतक के अखाड़े में कोच ने खेला खूनी खेल..

एक के बाद एक हत्या कर छिपाता रहा लाश..

देश-विदेश : रोहतक के जाट कालेज के अखाड़े में हुए नृशंस हत्याकांड में सनीसनीखेज और रोंगटे खड़े कर देने वाले खुलासे हुए हैं। इसी अखाड़े में कुश्‍ती कोच रहे सुखवेंद मोर ने दिल दहाला देने वाला खूनी खेल खेला है। वह एक के बाद एक व्‍यक्ति को बहाने से बुलाता गया और उनकी गोली मार हत्‍या कर दी, उनके शव को कमरे में छिपाता रहा। इस तरह उसने तीन कुश्‍ती कोच, एक महिला पहलवान और एक कोच की पत्‍नी यानि कुल पांच लोगाें की हत्‍या कर दी। यहां तक की उसने तीन साल के मासूम को भी नहीं छोड़ा और उसके सिर में भी गोली मार दी। चार दिन बाद मासूम ने भी दम तोड़ा।

 

वारदात को अंजाम देने के लिए चार दिन पहले रच ली थी साजिश..

पुलिस की अब तक की जांच में खुलासा हुआ है वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपित ने चार दिन पहले ही साजिश रच ली थी। साजिश के तहत उसने एक-एक व्यक्ति को फोन कर और मैदान में वर्कआउट करते समय आवाज लगाकर बुलाया। बारी-बारी से हत्या के बाद उनके शव को छिपाता रहा। इस तरह एक के बाद दूसरे को बुलाकर मौत के घाट उतारता चला।

 

तीन साल के मासूम सरताज को भी नहीं छोड़ा, खुद उठाकर ले गया था कमरे में..

यहां तक कि तीन साल के मासूम सरताज को वह खुद नीचे से उठाकर लेकर गया और फर्श पर खड़ा कर पिस्टल सटाकर उसके सिर में गोली मारी। उसे डर था कि कभी वह बड़ा होकर अपने माता-पिता की मौत का बदला न ले ले। चार दिन बाद मासूम सरताज की भी मौत हो गई।

 

 

पुलिस ने क्राइम सीन रिक्रएट किया..

सुखवेंद्र को चार दिन के रिमांड पर लिया गया, जिसके बाद पुलिस ने क्राइम सीन रिक्रिएट किया। वारदात के समय कौन कहां था और कैसे-कैसे बुलाया आदि का सीन रिक्रिएट किया गया। तीन डीएसपी भारी पुलिस बल के साथ पांच गाडि़यों में आरोपित को लेकर करीब 3:30 बजे पहुंचे, जो सीन रिक्रिएट के बाद 3:54 पर वहां से निकल गए।

 

 

26 मिनट में रिक्रिएट किया हत्याओं का क्राइम सीन..

पुलिस ने इस दौरान करीब 26 मिनट तक वहां हत्‍याओं और पूरी वारदात का सुखवेंद्र के साथ क्राइम सीन रिक्रिएट किया। बताते हैं कि इस दौरान आरोपित में कोई हिचक या पछतावा नहीं दिखा। वह बेबाकी से पुलिस को पूरी घटना बारे में बताता गया।

 

सीन : 1 – सबसे पहले प्रदीप मलिक को बनाया निशाना..

मैं ऊपर कमरे में था। वहां पर एक कमरे में कोच प्रदीप मलिक को बुलाया। हमारी बातचीत के दौरान उसका फोन आ गया। फोन लेकर वह जैसे ही उठा तभी उसके सिर में गोली मार दी और शव को दरवाजे के सामने से हटाकर एक तरफ कर दिया।

 

सीन : 2 – दूसरी गोली मनोज मलिक को मारी..

मुख्य कोच मनोज मलिक नीचे मैदान में था। उसे भी उसी कमरे में बुलाया, जिसमें प्रदीप को गोली मारी थी। जैसे ही मनोज मलिक कमरे में घुसा, उसे भी सीधे सिर में गोली मार दी। उसकी भी मौके पर ही मौत हो गई। उसके शव को भी एक तरफ कर दिया।

 

सीन : 3 – तीसरे नंबर पर सतीश को रास्ते से हटाया..

इन दोनों की हत्या के बाद कोच सतीश दलाल को उसी कमरे में बुलाया। सतीश दलाल के कमरे में एंट्री करते ही उसे भी गोली मार दी। तीनों की हत्या के बाद उस कमरे में शवों को छिपाने के लिए जगह नहीं बची। जिसके बाद उस कमरे का ताला लगा दिया।

 

सीन : 4 – चौथी गोली महिला पहलवान पूजा की कनपटी पर मारी..

पूजा ने मुख्य कोच को सुखवेंद्र के व्यवहार को लेकर शिकायत की थी, जिस वजह से सुखवेंद्र पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और रविवार शाम तक उसे अखाड़ा छोड़ना था। पूजा को फोन कर दूसरे कमरे में बुलाया और जैसे ही कमरे में पहुंची तो उसे भी गोली मार दी, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई।

 

सीन : 5 – इसके बाद मनोज मलिक की पत्‍नी साक्षी को गोली मारी..

मनोज मलिक की हत्या के बाद उसकी पत्‍नी साक्षी टारगेट पर थी, जो उस वक्त नीचे मैदान में थी। उसे आवाज देकर बुलाया कि मनोज बुला रहा है, एक बार ऊपर आ जाओ। साक्षी को उसी कमरे में बुलाया, जिसमें पूजा की हत्या कर रखी थी। साक्षी के कमरे में एंट्री करते ही बिना कोई सवाल-जवाब किए सीधे सिर में गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी।

 

सीन : 6 – फिर तीन साल के सरताज को कमरे में लाकर गोली मार दी..

इसके बाद मनोज व साक्षी के बेटे सरताज को निशाना बनाया और जिस कमरे में पूजा व साक्षी को गोली मारी थी उसी कमरे में लाकर सरताज को भी गोली मार दी। सरताज को मृत समझकर ने उस कमरे का भी ताला लगा दिया। दोनों कमरों का ताला लगाने के बाद मेन गेट पर तीसरा ताला भी लगाया।

 

सीन : 7 – नीचे कोच अमरजीत को गोली मारी..

अखाड़े में सभी की हत्या के बाद नीचे आकर गाड़ी में बैठा। उस समय नीचे कोई नहीं था। वहां से सीधे एमकेजेके कालेज के सामने पहुंचा। जहां पर मेहर सिंह अखाड़े का कोच अमरजीत भी पहुंच चुका था। उसे भी फोन कर अखाड़े के संबंध में बात करने के लिए बुलाया था। अमरजीत के कार से बाहर निकलते ही सीधे सिर में गोली मारनी चाही, लेकिन गाेली चेहरे पर जा लगी। गोली लगते ही अमरजीत लहूलुहान हालत में मेडिकल मोड़ की तरफ भागा। इसके बाद आरोपित भी अपनी गाड़ी लेकर दिल्ली की तरफ भाग गया।

 

दो महिला पहलवानों ने मुख्य कोच मनोज मलिक से सुखवेंद्र के व्यवहार को लेकर थी शिकायत..

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपित सुखवेंद्र को लेकर पूजा व एक अन्य महिला पहलवान ने मुख्य कोच मनोज मलिक से शिकायत की थी। उन्‍होंने आरोप लगाया था कि सुखवेंद्र का व्यवहार ठीक नहीं है। इसके बाद मुख्य कोच मनोज मलिक, सतीश दलाल, प्रदीप मलिक ने सुखवेंद्र पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमरजीत से भी उसकी कहासुनी हुई थी। साथ ही उसे 14 फरवरी तक अखाड़े से जाने के लिए कह दिया गया था। उसे बता दिया गया था कि अब अखाड़े से उसका कोई मतलब नहीं है और न ही उसे यहां से कोई पैसा मिलेगा।

 

 

यह सुखवेंद्र को नागवार गुजरा। उसका मानना था कि उसने अखाड़े के लिए काफी मेहनत की थी, लेकिन अब उसे ही बाहर निकाला जा रहा है। इसी वजह से उसने करीब चार दिन पहले हत्याकांड की साजिश रच ली थी। हत्याकांड से साफ है कि आरोपित किसी सूरत में मनोज के परिवार को जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था।

 

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