उत्तराखंड

टीबी रोगी खोज अभियान में सीएमओ ने कैमिस्टों से मांगी मदद..

टीबी रोगी खोज अभियान में सीएमओ ने कैमिस्टों से मांगी मदद..

प्रथम सूचनादाता व ट्रीटमेंट सपोर्टर के रूप में मिलेगी प्रोत्साहन राशि..

सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान में निजी चिकित्सालय भी कर रहे सहयोग..

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मुक्त भारत अभियान के समेकित प्रयासों के तहत निजी चिकित्सालय के बाद अब कैमिस्ट एसोसिएशन से भी क्षय रोगी खोज अभियान में मदद की अपील की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कैमेस्टि एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र प्रेषित कर कैमिस्ट की दुकान पर आने वाले क्षय रोग के लक्षणयुक्त रोगियों को निःशुल्क जांच व उपचार के लिए बलगम जांच केंद्र भेजने की अपील की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ बीके शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत हर वर्ष सक्रिय टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जनपद स्थित निजी चिकित्सालय की ओर से भी लगातार सहयोग किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2018 से अब तक 166 टीबी रोगियों की खोज कर उपचारित किया गया है। कहा कि जनपद में एक भी क्षय रोगी उपचार से न छूट पाए।

इसके दृष्टिगत दवा की दुकानों में आने वाले लोगों में से संभावित क्षय रोगी की खोज के लिए कैमिस्ट एसोसिएशन का सहयोग लिया जा रहा है। कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष को भेजे पत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अनुरोध किया कि कैमिस्ट की दुकान पर आने वाले लोगों में से दो सप्ताह या अधिक की खांसी अथवा बलगम में खून आने, लगातार वजन घटने, सांय के समय बुखार आना, भूख न लगना, रात को पसीना आना जैसे लक्षण पाए जाने पर संबंधित को निकटतम बलगम जांच केंद्र में निःशुल्क जांच व उपचार के लिए भिजवाने में सहयोग करें। ताकि संबंधित की जांच कर समुचित उपचार दिया जा सकेगा।

बताया कि जनपद में बलगम जांच व उपचार की निःशुल्क सेवा जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग स्थित जिला क्षय नियंत्रण केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखोली, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ में उपलब्ध है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ बीके शुक्ला ने बताया कि यदि किसी कैमिस्ट द्वारा संदर्भित संभावित क्षय रोगी को जंच एवं चिकित्सक द्वारा टीबी रोग घोषित किया जाता है तो उन्हें प्रथम सूचनादाता के रूप में पांच सौ रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी व यदि किसी व्यक्ति अथवा कैमिस्ट द्वारा ट्रीटमेन्ट सपोर्टर के रूप में किसी रोगी को दवाई खिलाई जाती है तो ट्रीटमेंट सपोर्टर के रूप में उन्हें ड्रग सेंसिटिव टीबी केस में एक हजार रूपए तथा मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी केस में पांच हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

 

 

 

 

 

 

 

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