उत्तराखंड

नैतिकता के आधार पर सीएम को देना चाहिए इस्तीफा..

नैतिकता के आधार पर सीएम को देना चाहिए इस्तीफा..

उक्रांद ने अपने वजूद को दांव में रखकर किया राज्य का निर्माण..

उत्तराखण्ड क्रांति दल की दूसरे दिन की बैठक, 27 राजनीतिक प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित..

कार्यकर्ताओं से मिशन 2022 की तैयारियों में जुटने का आह्वान..

रुद्रप्रयाग : राज्य के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगना, अपमानजनक विषय बन गया है। सरकार को जनता के सामने सच को रखना होगा। देवभूमि के सीएम पर ऐसे आरोप लगे हैं। ऐसे में सीएम रावत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। जिस उद्देश्य से राज्य की स्थापना की गयी थी, वह सपना आज भी अधूरा रह गया है।
जिला मुख्यालय पर आयोजित उत्तराखण्ड क्रांति दल की बैठक के दूसरे दिन केन्द्रीय अध्यक्ष दिवाकर भटट ने कहा कि पहाड़ के विकास को लेकर राज्य की स्थापना की गयी थी। उक्रांद ने अपने वजूद को दांव पर लगाकर उत्तराखण्ड का निर्माण करवाया और आज स्थिति यह है कि कांग्रेस और भाजपा बारी-बारी से सत्ता का सुख भोगकर पहाड़ का विनाश कर रही है। दोनों ही राष्ट्रीय दलों ने ऐसे लोगों को राज्य आंदोलकारी बनाया, जो आंदोलन में कहीं नहीं थे। कहा कि अभी भी जनता को सोचने की जरूरत है। आज देवभूमि के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है और फिर भी उनके नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। डबल इंजन की सरकार को जनता के सामने सच को रखना होगा।

 

 

उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों से जनता का मोहभंग हो चुका है। ऐसे में कार्यकर्ता अनुशासित होकर मिशन 2022 के विस चुनावों के लिए एकजुट हो जाएं। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति व युवा शक्ति को दल से जोड़कर प्रदेश मे सशक्त राजनीतिक विकल्प के रुप में स्थापित किया जाए। दल के केन्द्रीय अध्यक्ष दिवाकर भटट ने कहा जनता से संवाद कर मातृ शक्ति व युवा शक्ति को दल से जोड़कर प्रदेश में सशक्त राजनीतिक विकल्प के रुप में स्थापित किया जाएगा। कहा कि प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को दल में शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्हें दल में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा। वहीं दूसरे दिन कार्यकारिणी की बैठक में 27 प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किए गए। इस अवसर दो दर्जन से अधिक लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली। सभी कार्यकर्ताओं ने 2022 विस चुनावों के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प दोहराया। दूसरे दिन निर्धारित एजेंडे दल में अनुशासन, दल की आर्थिक स्थिति व दल के भावी कार्यक्रमों पर सदन में चर्चा हुई। साथ ही प्रदेश कार्यकाणी सदस्यों ने वर्तमान राजनीतिक हालातों पर खुलकर अपना मत सदन में रखा व सुझाव दिया।

सदन में क्षेत्रीय पैरोकार संगठनों को दल से जोड़ने के लिए कमेठी गठन, प्रवासियों के रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण के विरोध व कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, दल का ट्रेड यूनियन का सृजन, भ्रष्टाचार का आरोप लगे प्रदेश के मुख्यमंत्री का इस्तीफा, उद्योगों व गैर सरकारी संस्थाओं मे स्थानीय यूवाआंे को 80 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराने, गैरसैंण स्थाई राजधानी, राज्य में धारा 371 लागू करने, दिगधार बड़मा जखोली में लंम्बित सैनिक स्कूल निर्माण शुरु करने, विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले अगस्त्यमुनी विकास खंड का पुनर्गठन कर नया विकास खंड सृजित करने, देवस्थान बोर्ड को भंग करने सहित 27 राजनीतिक प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किए गए। इस अवसर पर दल के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंन्द्र सिहं पंवार, कार्यकारी अध्यक्ष आंनद प्रकाश जुयाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लताफत हुसैन, ब्रह्मानंद डालाकोटी, गिरीश शाह, कुंदन सिंह विष्ट, केन्द्रीय प्रवक्ता शान्ति प्रसाद भट्ट, रणजीत सिंह, महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, किसन सिंह रावत, केन्द्रीय प्रवक्ता देवेन्द्र चमोली, जिलाध्यक्ष राजेन्द्र नौटियाल, केन्द्रीय महामंत्री किशोरी नंदन डोभाल, सत्य प्रकाश सती, सुनील ध्यानी, अरुण शाह समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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