उत्तराखंड

बंड मेले में बंड का नन्हा ‘उस्ताद जाकिर हुसैन’

4 साल के माधव हटवाल को दादा से विरासत मे मिली संगीत की तालीम!

संजय चौहान।
महज 4 साल की उम्र में हाथों और अंगुलियो से तबले पर ऐसी ताल की पूरे बंड मेले में आये मेलार्थीयों की आंखे फटी की फटी रह गयी। छोटी सी उम्र में ऐसी सुंदर प्रस्तुति की हर कोई आश्चर्यचकित रह गया।

गौरतलब है कि बंड पट्टी में गडोरा गाँव के हटवाल घराने में दिनेश हटवाल के परिवार में हर दिन संगीत की मधुर धुन सुनाई देती है। 4 साल के पोते माधव हटवाल को संगीत की धुन सुनने, समझने की दीक्षा अपने दादा दिनेश हटवाल से विरासत में मिली। जब भी दादा तबला, हारमोनियम या फिर अन्य वाद्ययंत्रों में हाथ अजमाते नन्हा माधव भी टकटकी नजरों से अपने दादा पर देखता और खुद बजाने की जिद करता। और आज माधव की यही जिद सुनहरे भविष्य की उम्मीदें दिखलाती हैं। जो कि शुभ संकेत हैं। लोग अभी से माधव हटवाल को बंड पट्टी का नन्हा ‘उस्ताद जाकिर हुसैन’ कहते हैं।

आपको बताते चले की बंड पट्टी में गडोरा गाँव के हटवाल घराने के दिनेश हटवाल भारतीय सेना बीएसएफ से सेवानिवृत्ति जांबाज हैं। जिन्हें अपने सरहदों और संगीत से बेहद प्रेम है। घर, गाँव और मंदिरो में जब भी कोई खुशी या त्योहार का कार्यक्रम आयोजित होता है तो दादा दिनेश हटवाल, बेटा कमलेश हटवाल और नन्हा उस्ताद जाकिर हुसैन माधव हटवाल की जुगलबंदी उस कार्यक्रम में संगीत की शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लेते हैं। रामलीला, होली, नवरात्रि और भागवत कथा में तो संगीत की गंगा बह जाती है। दिनेश हटवाल द्वारा बनाई गयी बंड भूमियाल की आरती को बंड मेले में प्रत्येक दिन मेला प्रारंभ होने पर गाया जाता है।

बंड विकास संगठन के पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह कहतें हैं कि नन्हें माधव हटवाल का भविष्य उज्ज्वल है। उम्मीद की जानी चाहिए की जिस प्रकार नन्हें माधव हटवाल द्वारा बंड मेले मे तबले पर अपनी संगत दिखाई वो भविष्य के लिए सुखद अहसास है। आशा की जानी चाहिए की भविष्य में ये नन्हा उस्ताद पूरे प्रदेश में अपनी चमक बिखेरेगा!

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