उत्तराखंड

राज्य आन्दोलनकारियों और महिलाओं को मिलेगा इतना आरक्षण..

राज्य आन्दोलनकारियों और महिलाओं को मिलेगा इतना आरक्षण..

 

 

 

 

 

बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सवेक सदन में बडी संख्या में आए उत्तराखण्ड़ राज्य निर्माण चिन्हित आन्दोलनकारी मंच के सदस्यों द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण एवं महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण पुनः बहाल करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सवेक सदन में बडी संख्या में आए उत्तराखण्ड़ राज्य निर्माण चिन्हित आन्दोलनकारी मंच के सदस्यों द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण एवं महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण पुनः बहाल करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपा। सीएम ने ज्ञापन का परीक्षण कर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि राज्य निर्माण आन्दोलन के वे भी साक्षी रहे है। खटीमा के जन आन्दोलन को उन्होंने स्वयं देखा है। जहां पर 07 लोगों ने अपनी शहादत दी थी। मसूरी, रामपुर तिराहा के शहीद स्थलों पर वे स्वयं जाकर शहीदों को नमन करते है। खटीमा में भव्य शहीद स्मारक के निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के हित में अनेक निर्णय लिये गये है।

हमारा प्रयास है कि उन्हें जो भी अनुमन्य सुविधायें है, वह प्राप्त हो। हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने भर्ती माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 90 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है। हमारे युवाओं के साथ कोई धोखा करने की सोचे भी नहीं, इसके लिये हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। तीन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है जिसमें लाखों युवा सम्मिलित हुए है।

सीएम धामी का कहना हैं कि हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। जबरन या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पारित किया है।

इसके मायने यह हुए कि प्रदेश में अब मतांतरण कराने वालों पर रोक लगेगी। हमारे प्रदेश की बहनें बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं। हमने प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था कानून बना कर एक बार फिर से लागू की है। पिछले वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। प्रधानमंत्री जी स्वयं केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों तथा बद्रीनाथ धाम के विकास कार्यों का अनुश्रवण कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। सौंग बांध एवं जमरानी बांध परियोजना के लिये भी सहमति मिली है, इससे देहरादून व हल्द्वानी की पेयजल समस्या का समाधान होगा। श्री केदारनाथ का पुनर्निर्माण, श्री बद्रीनाथ धाम के पुनर्विकास की योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। पिछले वर्ष 50 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किये।

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की दिशा में आगे बढ़ते हुए केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक और प्राचीन मंदिरों के विकास के लिय हम मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर काम कर रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 08 लाख से अधिक लोग चारधाम यात्रा का पंजीकरण करा चुके है। हमारा प्रयास यात्रा में आने वालों की सुगम यात्रा का है।

उन्होंने कहा कि अपनी माताओं और बहनों के सशक्तिकरण के लिये हमने ‘मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत हमने वर्ष 2025 तक महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.25 लाख बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष राज्य को जोशीमठ भू धंसाव जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करते हुए किसी प्रकार की जीवन हानि नहीं होने दी गई।

इस कार्य में केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य सरकार को मिला। प्रभावितों को सही समय पर राहत शिविरों में विस्थापित किया गया। राज्य सरकार तथा प्रशासन विस्थापितों के साथ हर कदम में साथ खड़ा रहा। जोशीमठ का कुछ क्षेत्र ही आपदा प्रभावित है। हमें इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढना है। हमारा प्रदेश पूर्णतः सुरक्षित है, यह संदेश देश व दुनिया में पहुंचाना है। वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का नम्बर एक राज्य बनाने के लिये हम विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण हमारा लक्ष्य भी है और विश्वास भी।

 

 

 

 

 

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