प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांवों को मिली कनेक्टिविटी..
पीएमजीएसवाई में पिछले पौने चार साल में हुुुआ तेजी से काम..
सड़के होती हैं विकास की धुरी: रावत..
मुख्यमंत्री ने की पत्रकारों के साथ वार्ता..
रुद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार में प्रदेश की बुरी स्थिति थी। प्रदेश का विकास रसातल पर चला गया था, लेकिन बीजेपी सरकार आते ही प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हरेक गांव को सड़क से जोड़ रही है। सड़क के बनने से प्रत्येक गांव का विकास होगा। साथ ही केन्द्र सरकार ने चारधाम परियोजना और रेल परियोजना का निर्माण करके विकास को नई गति दी है। 2024 में श्रीनगर तक रेल पहुंच जायेगी। चारधाम परियोजना और रेलवे का निर्माण होने से यहां पहुंचने वाले यात्रियों और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है। तीन नये मेडिकल काॅलेज अल्मोडा, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर को स्वीकृति मिली है। 720 डाॅक्टरों और 2500 सौ नर्सों की भर्ती की जा रही है। 132 नई एंबुलेंस प्रदेश को दी हैं। 40 एंबुलेंस आधुनिक सुविधा वाली दी हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल दिगधार बड़मा के लिये धनराशि स्वीकृत कर दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने कनेक्टिविटी पर काफी काम किया है। सड़कें विकास की धुरी होती हैं। सड़कों से होकर ही विकास के रास्ते पर जा सकते हैं। गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बहुत महत्वपूर्ण है। सरकार ने पीएमजीएसवाई पर विशेष रूप से फोकस किया है।
पीएमजीएसवाई के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में पूर्व से निर्मित मार्गों में कई स्थानों पर सेतुओं का निर्माण न होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाई होती थी।
इन सेतुओं की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत तौर और पत्राचार के द्वारा भी निरंतर भारत सरकार के ग्रामीण मंत्रालय और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इन स्थानों पर 127 सेतुओं के निर्माण और उन पर 330 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही पीएमजीएसवाई-1 के अंतर्गत पूर्व में निर्मित 121 कच्चे मार्गों के डामरीकरण के लिए 530 करोड़ की भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इस तरह से स्टेज-2 के तहत 860 करोड़ की लागत के कुल 248 कार्यों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होने से उक्त मार्गों पर पूर्व में किया गया खर्च भी सार्थक होगा और ये सड़कें पक्की बन जाएंगी। इससे ग्रामीण लोगों का आवागमन सरल होगा। मुख्यमंत्री ने इन स्वीकृतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर और ग्रामीण विकास मंत्रालय के समस्त अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में 15वें वित्त आयोग से पीएमजीएसवाई के तहत 2,322 करोड़ रूपए की की संस्तुति की गई है। आसाम के बाद पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो स्पष्ट होता है कि पीएमजीएसवाई में पहले की तुलना में सरकार के कार्य काल में कहीं ज्यादा काम हुआ है। वर्ष 2000 से लेकर मार्च 2017 तक राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत 10,263 किलोमीटर लंबाई के संपर्क मार्गों की स्वीकृति मिली, इसके लिए 4001 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी। इसके सापेक्ष 7,529 किलोमीटर लंबाई की सड़क मार्ग का कार्य पूरा किया गया।
इस पर 2,810 करोड़ की राशि खर्च हुई, जबकि स्वीकृत 1299 बसावटों के सापेक्ष 955 बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ा गया। भाजपा सरकार में मार्च 2017 से 31 दिसंबर, 2020 तक कुल 8892 किलोमीटर लंबाई की सड़क स्वीकृत हुई। इसके लिए 5308 करोड़ की राशि की स्वीकृति मिली। इसके सापेक्ष लगभग पौने चार साल में 7431 किलोमीटर लंबाई की सड़क बन चुकी है। इस पर 3209 करोड़ की धनराशि व्यय की गई। कुल स्वीकृत 573 बसावटों के सापेक्ष लक्ष्य से ज्यादा 645 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया। इसी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आज की तिथि तक पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों पर 822 करोड़ की राशि खर्च कर 1800 किलोमीटर लंबाई में मार्गों का निर्माण किया गया है।