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भारतं अमेरिका से खरीदने जा रहा है बमवर्षक B-1B लैंसर, एक बार में बरसा सकता है 46 हजार किलो बम…

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भारत अमेरिका से खरीदने जा रहा है बमवर्षक B-1B लैंसर…

एक बार में बरसा सकता है 46 हजार किलो बम-मिसाइलें…

देश-विदेश : शीत युद्ध (कोल्ड वॉर) के दौर की बात है, जब अमेरिका को अहसास हुआ कि उनके पास भारी मात्रा में विस्फोटक लेकर उड़ने वाले ऐसे बमवर्षक विमान की कमी है, जो दुश्मन देश (रूस) के अंदर घुसकर तबाही तो मचाए ही, साथ ही तेज रफ्तार से विरोधी लड़ाकू विमानों और मिसाइलों से बचकर भी निकल सके और इसी कमी को पूरा करने के लिए जन्म हुआ बी-1 बमवर्षक विमान का जिसके अपग्रेड वर्जन को आज ‘B-1B लैंसर लॉन्ग रेंज स्ट्रैटिजिक बॉम्बर’ के नाम से जाना जाता है।

 

हाल के दिनों में यह तब चर्चा में आ गया जब एयरो इंडिया 2021 में इसके उड़ान भरने की खबरें सामने आईं। विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों तक सब इसकी क्षमताओं पर बात करने लगे कि यह अमेरिकी विमान क्या-क्या कर सकता है तो अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो हम यहां आपको इसका जवाब देने जा रहे हैं।

B-1B लैंसर व्यापक रूप से अमेरिका की लंबी दूरी की बमवर्षक सेना की रीढ़ माना जाता है। मूल रूप से बी -52 बॉम्बर की जगह लेने के लिए विकसित किया गया यह विमान अपनी तेज रफ्तार, ऊंचाई पर उड़ने और भारी संख्या में बम और मिसाइल ले जाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। आपको इसकी शक्ति का अहसास कराने के लिए थोड़ी और विस्तार में बात करते हैं।

 

बी-1बी लैंसर विमान की खासियतें…

B-1B लैंसर विमान की कुल 2 लाख 16 हजार किलो से भी ज्यादा वजन लेकर उड़ान भर सकता है। इसमें से 46 हजार किलो से ज्यादा वजन के बम और मिसाइलें हो सकते हैं।यह विमान 34 हजार किलो वजन का विस्फोटक विमान के अंदर और 22 हजार किलो से ज्यादा पंखों पर लगाकर उड़ सकता है। साथ ही 1 लाख 20 हजार किलो ईंधन भी साथ लेकर उड़ान भरता है।इतना भारी भरकम होने के बावजूद यह विमान सुपरसोनिक रफ्तार से उड़ने में सक्षम है। चार शक्तिशाली टर्बो फैन इंजनों की मदद से 30 हजार पाउंड से ज्यादा के थ्रस्ट के साथ मैक-1.6 की रफ्तार तक जा सकता है।

अब तक 12 हजार से भी ज्यादा उड़ानें भरकर सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान और इराक में अपने मिशन को अंजाम देते हुए तबाही मचा चुका है। यह विमान 30 हजार फीट यानी 9 हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरता है और 4 लोगों का क्रू इसको ऑपरेट करता है। अमेरिका के पास इस तरह के 66 विमान मौजूद हैं और यह उन कुछ वजहों में से एक हैं जो यूएस को सुपरपावर बनाती हैं। फिलहाल भारतीय वायुसेना के पास इस तरह का कोई विमान मौजूद नहीं है और समय समय पर रूस और अमेरिका से बॉम्बर खरीदने को लेकर विश्लेषण और अटकलें सामने आती रहती हैं।

भारत क्यों इस्तेमाल नहीं करता बमवर्षक विमान…

बमवर्षक यानी बॉम्बर ऐसे लड़ाकू विमान होते हैं जो ना सिर्फ खरीदने के लिए कीमत में बहुत महंगे होते हैं बल्कि इन्हें ऑपरेट करने के लिए भी मोटा खर्च करना पड़ता है। दुनिया में फिलहाल अमेरिका, रूस और चीन ही इस तरह के एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करते हैं। हर देश अपनी जरूरत और प्राथमिकताओं के अनुसार रक्षा तैयारी करता है और फिलहाल भारतीय वायुसेना को बमवर्षक विमान के बजाय मल्टीरोल फाइटर जेट की घटती स्क्वाड्रन क्षमता की कमी पूरी करने की जरूरत है।

 

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