उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी ने तीर्थयात्रियों का जताया आभार..

मुख्यमंत्री धामी ने तीर्थयात्रियों का जताया आभार..

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्ग-दर्शन में नयी केदारपुरी अस्तित्व में आ चुकी है, जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड-केदारनाथ रोप वे के बनने के बाद केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट तथा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपंन हो रही है तथा केदारनाथ धाम में भी रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं।

उन्होंने देश-विदेश से केदारनाथ पहुंचे श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है। इस बार केदारनाथ धाम में 15 लाख 61 हजार 882 तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए हैं। मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा कि मंदिर समिति यात्रियों को भगवान के सरल-सुगम दर्शन के लिए प्रयासरत रही।

मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। इसके अलावा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवंबर तथा द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 18 नवंबर को बंद किए जायेंगे।

 

 

 

 

 

जिलाधिकारी ने सफल व सुगम यात्रा के लिए जताया आभार

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम यात्रा को सफल एवं सुगम बनाने के लिए तीर्थ पुरोहित समाज, मंदिर समिति, व्यापार मंडलों, जनप्रतिनिधियों, घोड़ा-खच्चर संचालकों, टैक्सी यूनियन समेत यात्रा से जुड़े सभी लोगों एवं संस्थानों का धन्यवाद दिया। साथ ही जिले के सभी अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, आपदा प्रबंधन, जल एवं विद्युत निगम, सफाई कर्मचारियों और मीडिया का धन्यवाद देते हुए यात्रा के सफल संचालन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए शुरू की गई क्यूआर कोड योजना से प्लास्टिक निस्तारण में काफी मदद मिली।

अगले साल इसे व्यापक तौर पर लागू किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन कराए गए, जिससे यात्रियों को अनावश्यक लाइन में नहीं लगना पड़ा और मंदिर के आस-पास भी भ्रमण का मौका मिला। जिलाधिकारी ने कहा कि अगले साल और बेहतर तरीके से यात्रा संचालन के लिए प्रयास किए जाएंगे। अगले वर्ष तक वाटर एटीएम, रेन शेल्टर, म्यूजियम, चिंतन स्थल समेत कई निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे, जिससे यात्रा और सुखद एवं सुगम हो जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन केंद्र एवं राज्य सरकार के निर्देशन में लगातार कार्य कर रहा है।

’’दो लाख से ज्यादा लोगों ने लिया स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ’’

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 2 लाख 1 हजार 793 यात्रियों ने ओपीडी और 16,043 लोगों ने आपातकाल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। वहीं 123 लोगों को हेलीकॉप्टर और 505 लोगों को एम्बुलेंस के माध्यम से हायर सेंटर रैफर किया गया। उन्होंने यात्रा में लगातार कार्य के लिए पूरे प्रदेशभर से ड्यूटी करने पहुचें डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ का धन्यवाद दिया। कहा कि अगले वर्ष यात्रा को और सुखद बनाने के लिए अभी से तैयारियां की जाएंगी।

केदारनाथ यात्रा में बने इस बार कई नए रिकार्ड

केदारनाथ धाम की यात्रा में इस बार कई नए रिकार्ड बने हैं। पूरे यात्रा काल में जहां 15 लाख 61 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। वहीं घोड़े-खच्चर से कुल 1 अरब 9 करोड़ का कारोबार हुआ है। इस कारोबार में 1 अरब 1 करोड़ 34 लाख सीधे घोड़ा खच्चर स्वामियों को मिला है, जबकि सरकार को 8 करोड़ 1 लाख 80 हजार 250 का राजस्व मिला है।

केदारनाथ यात्रा में प्रशासन ने कुल 8,644 घोड़े खच्चर और 4,302 घोड़ा मालिक पंजीकृत किए। इन घोड़े खच्चरों की मदद से केदारनाथ में कुल 5 लाख 34 हजार 535 तीर्थयात्रियों ने सेवा ली। डीएम मयूर दीक्षित और मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई। कहा कि यह यात्रा में अब तक का सबसे बेहतर कारोबार रहा है। घोड़े खच्चरों के संचालन का जिम्मा संभाल रही जी मैक्स कंपनी के प्रबंधक खुशाल रावत ने बताया कि इस यात्रा में घोड़े खच्चरों से कुल रिकार्ड 1 अरब 9 करोड़ 88 लाख 959 रुपये का कारोबार हुआ है।

डंडी कंडी से मिला जिला पंचायत को 86 लाख 76 हजार का व्यवस्था शुल्क
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में डंडी-कंडी की व्यवस्था जिला पंचायत द्वारा संचालित की गई। यात्रा प्रभारी ज्ञानेंद्र बगवाड़ी ने बताया कि यहां जिला पंचायत की ओर से डंडी कंडी के लिए कुल 3893 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। पूरे यात्रा काल में 39,664 तीर्थयात्री कंडी से केदारनाथ यात्रा पर गए और वापस आए। जबकि डंडी जिसे पालकी भी कहा जाता है, इससे 8,503 तीर्थयात्री केदारनाथ गए। दोनों माध्यमों से जिला पंचायत को कुल 86 लाख 76 हजार 300 रुपये व्यवस्था शुल्क के रूप में प्राप्त हुए।

हेली कंपनियों ने किया 75 करोड से अधिक का कारोबार

केदारनाथ धाम के लिए इस बार 9 हेलीकॉप्टर कंपनियों ने सेवाएं दी। इसमें अलग-अलग हेलीपैडों से 1,50,801 तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के लिए उड़े। जबकि 1,49,049 तीर्थयात्री केदारनाथ से हेली सेवा से वापस आए। इस तरह सभी हेली कंपनियों ने कुल 28,155 सटल की। प्रति यात्री औसतन पांच हजार रुपये किराए के हिसाब से करीब 75 करोड़ 40 लाख का करोबार हुआ, जबकि पूरे सीजन भर हेलीकॉप्टर के लिए भी मारामारी रही।

 

 

 

 

 

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