चमोली के आपदा प्रभावित गाँवों में बिजली पानी सप्लाई एक बार फिर शुरू..
उत्तराखंड: चमोली में ब्लैक संडे को कुदरत का कहर दर्जनों गाँव पर आफत बन कर टूटा था सैकड़ों लोग इस जल प्रलय में गायब हैं तो वहीं दर्जनों लोग अब तक जान गँवा चुके हैं ग्रामीणों का सामान्य जन संपर्क भी इस दौरान पूरी तरह टूट चूका था लेकिन कहते हैं न टीम वर्क और बेहतर रणनीति से हर मुश्किल हालात से जीता जा सकता है कुछ ऐसी ही नज़ीर पेश की है उत्तराखंड ऊर्जा विभाग और जल संस्थान के अधिकारियों ने जिन्होंने आपदा प्रभावित इलाकों में रात दिन काम करते हुए आज सभी गांवों में बिजली और पेयजल आपूर्ति दोबारा शुरू कर दी है।
पैंग और मुराडा को छोडकर बाकी सभी 11 गांवो मे विद्युत व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। पैंग व मुरंडा मे सोलर लाइट भेजी गई है। उरेडा द्वारा 100 सोलर लाईटों से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। आपको बता दें कि आपदा से 11 गांवों में पेयजल लाईनें प्रभावित हो गई थीं। इनमें से 10 गांवों में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। बाकी बची एक लोकेशन पर काम चल रहा है।
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के चौथे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 34 शव मिल गए हैं जबकि 170 लोग अभी लापता हैं। पूर्व में लापता बताए गए ऋषि गंगा कम्पनी के 02 व्यक्ति सुरक्षित अपने आवास पर पाए गए हैं। तपोवन मे टनल मे फंसे लोगो का रेस्क्यू जारी है। यहां पर करीब 25 से 35 लोग टनल मे फंसे है जिनको बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 100, एनडीआरएफ के 176, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 04 मेडिकल टीमें और फायर विभाग के 16 फायरमैन, लगाए गए हैं। राजस्व विभाग, पुलिस दूरसंचार और सिविल पुलिस के कार्मिक भी कार्यरत हैं। बीआरओ द्वारा 2 जेसीबी, 1 व्हील लोडर, 2 हाईड्रो एक्सकेवेटर, आदि मशीनें लगाई गई हैं।