उत्तराखंड

सुद्धोवाला में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कार्यशाला आयोजित की गयी..

सुद्धोवाला में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कार्यशाला आयोजित की गयी..

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: पं0 दीन दयाल उपाध्याय वित्तीय प्रबन्धन एवं शोध संस्थान, सुद्धोवाला, देहरादून में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा Capacity Building Programme for Cash & Debt Management के सम्बन्ध में कार्यशाला आयोजित की गयी। सत्र की शुरुआत श्री दिलीप जावलकर, सचिव, वित्त महोदय द्वारा की गयी उन्होंने आर०बी०आई० के अधिकारियों का स्वागत किया तथा आभार व्यक्त किया। श्री जावलकर द्वारा उपस्थित सचिवालय के वित्त विभाग व बजट निदेशालय के उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए Cash and Debt Management की वर्तमान परिस्थितियों में प्रासंगिकता पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि बाजार ऋण के सम्बन्ध में सूझ-बूझ भरा निर्णय राज्य के वित्तीय प्रबन्धन के दृष्टिकोण से अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है इसीलिए निर्णय लेने के लिए उपलब्ध विकल्पों की समुचित जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है। जानकारी के साथ-साथ राज्य की आगामी वर्षों में ऋण व ब्याज के भुगतान की क्षमता का सही आंकलन भी आवश्यक है। सचिव वित्त द्वारा बताया गया कि नियमों की जानकारी होना महत्वपूर्ण है। लेकिन नियमों में निहित भावना को समझना और अधिक महत्वपूर्ण है। एक बड़े परिदृश्य को समझने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम को ध्यान से सुनने का आह्वान करते हुए उन्होंने सक्रिय सहभागिता करने पर बल दिया।

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुख्य महाप्रबन्धक श्री राकेश त्रिपाठी द्वारा ऋण प्रबन्धन की अवधारणा को आसान शब्दों में समझाने के लिए सचिव वित्त का आभार व्यक्त किया गया। उनके द्वारा अपनी टीम के अन्य सदस्यों उप महाप्रबन्धक श्री जी० आनन्दा कृष्णन, अक्षय वरक एवं आनन्द पी० इक्का के साथ प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण में मुख्यतः Capacity Building Programme for Cash & Debt Management से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं पर प्रकाश डाला गया।

प्रस्तुतीकरण में मुख्यतः निम्नलिखित बिन्दु थेः-

• ऋण प्रबन्धन की रणनीति, जोखिम का प्रबन्धन।

• पारदर्शिता, राजकोषीय संकेतकों का महत्व एवं उनका राज्य की ऋण लेने की क्षमता पर प्रभाव।

• लघु तथा दीर्घ अवधि के निवेश का महत्व एवं रणनीति।

• बजार ऋण की नीलामी।

• सिंकिंग फंड।

• अर्थाेपाय अग्रिम (WMA) का उपयोग।

श्री त्रिपाठी द्वारा बाजार ऋण की आवश्यकता, रणनीति आदि पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। Cost of borrowing को अन्य संकेतकों के साथ सम्बद्ध करते हुए सुदृढ़ कैश एवं ऋण प्रबन्धन तंत्र की आवश्यकता पर बल दिया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर सचिव, वित्त डा० अहमद इकबाल एवं श्री गंगा प्रसाद के अतिरिक्त सचिवालय के वित्त विभाग के संयुक्त सचिव, उप सचिव एवं बजट निदेशालय के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अन्त में बजट अधिकारी श्री मनमोहन मैनाली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

 

 

 

 

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