उत्तराखंड

उत्तराखंड में 5991 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने की योजना पर ब्रेक..

उत्तराखंड में 5991 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने की योजना पर ब्रेक..

केंद्र सरकार ने लगाई रोक..

 

 

 

 

 

 

प्रदेश की 5991 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने का प्रोजेक्ट टाल दिया गया है। दो साल पहले भारत नेट-2 परियोजना को केंद्र सरकार के वित्त पोषण में 2000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे,लेकिन योजना अब तक परवान नहीं चढ़ी।

 

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश की 5991 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने का प्रोजेक्ट टाल दिया गया है। दो साल पहले भारत नेट-2 परियोजना को केंद्र सरकार के वित्त पोषण में 2000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे,लेकिन योजना अब तक परवान नहीं चढ़ी। केंद्र ने इस वजह से इस योजना पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है। उत्तराखंड की ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने के भारत नेट परियोजना के प्रयास का पहला चरण पूरा हो चुका है। भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) पर इसकी जिम्मेदारी थी। पहले चरण में 11 जिलों के 25 ब्लॉक की 1865 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया।

दूसरे चरण के तहत प्रदेश के 12 जिलों के 65 ब्लॉक की 5991 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जानी थी। हरिद्वार में यह काम पूरा हो गया है। 2020 में इस परियोजना को केंद्र सरकार ने 2000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए 50 लाख रुपये खर्च कर इंफार्मेशन टेक्नोलाजी डेवलपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) ने सर्वेक्षण भी कराया था। दूरसंचार मंत्रालय ने दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। आईटीडीए को इसे पूरा करना था। लेकिन अब तक काम शुरू नहीं होने पर केंद्र सरकार द्वारा परियोजना को रोक दिया गया हैं। बताया जा रहा है कि अब बीएसएनएल (बीबीएनएल का विलय हो चुका) को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।

परियोजना से यह होगा लाभ..

परियोजना के माध्यम से राज्य के निवासियों को ई-गवर्नेंस, ई-ऑफिस, ई-जिला, ई-स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन, ई-शिक्षा, ई-बैंकिंग, इंटरनेट और अन्य सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। उन्हें स्वावलंबी बनने में सहायता मिलेगी और स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। दूर-दराज के इलाकों के लोग अस्पतालों से जुड़ सकेंगे और ई-हेल्थ की बदौलत तुरंत देखभाल प्राप्त कर सकेंगे। छात्र घर पर रहते हुए ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे और लोगों को घर बैठे बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी। इंटरनेट के जरिये किसानों को फसलों, दवाओं, भंडारण और फसल मूल्य की जानकारी मिल सकेगी। साथ ही फसलों और कृषि उत्पादों को ऑनलाइन बेच सकेंगे।

 

 

 

 

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