उत्तराखंड

केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए नहीं लिया जाता कोई शुल्क..

केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए नहीं लिया जाता कोई शुल्क..

पूजा संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर बीकेटीसी का बयान..

 

 

 

 

 

 

केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। बल्कि श्रद्धालु अपनी श्रद्धा से मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं और स्वेच्छा से चढ़ावा दानपात्र में डालते हैं।

 

उत्तराखंड: सोशल मीडिया में केदारनाथ धाम में पूजा व्यवस्थाओं को लेकर वायरल हो रहे पुराने वीडियो पर बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्थिति स्पष्ट की है। उनका कहना हैं कि केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। बल्कि श्रद्धालु अपनी श्रद्धा से मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं और स्वेच्छा से चढ़ावा दानपात्र में डालते हैं।

 

बता दे कि पिछले दो साल में कोरोना महामारी के कारण सरकार की ओर से पूजा व दर्शन के लिए एसओपी जारी की गई थी, जिससे मंदिरों में जलाभिषेक, पूजा करना, प्रसाद चढ़ाना, टीका लगाने के साथ मूर्तियों और घंटियों को छूने पर पूर्ण प्रतिबंधित था। सिर्फ धामों में ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी गयी थी।

आपको बता दे कि परंपरा के अनुसार केदारनाथ मंदिर के कपाट प्रात: काल में खुलने व सायंकाल में कपाट बंद होने का समय निश्चित है। प्रात: काल में मंदिर खुलने के बाद सभी आम श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाते हैं, जिसमें किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। श्रद्धालुओं को महाभिषेक, रुद्राभिषेक, प्रात: कालीन पूजा, सायंकालीन आरती करवाने का विधान है, यह परंपरा आदिकाल से चली आ रही है।

 

इन पूजा के लिए निश्चित समयावधि और संख्या मंदिर समिति की ओर निर्धारित की जाती है। जो सामान्य रूप से रात्रि के 12 बजे से तीन बजे के बीज होती है।जो श्रद्धालु स्वेच्छा से पूजा-अर्चना करवाना चाहते हैं, उन्हें ही प्राथमिकता दी जाती है, जिसे मंदिर समिति के आचार्य व वेदपाठी करते हैं। विशेष पूजा के लिए श्रद्धालु एक सहयोग राशि मंदिर समिति को देते हैं।

 

 

 

 

 

 

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