शासनादेश जारी होने के बावजूद योजना के लिए अवमुक्त नहीं हुई धनराशि
पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण
रुद्रप्रयाग। विकासखंड जखोली का भरदार क्षेत्र पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा है। पानी की समस्या के कारण कई परिवार गांवों से पलायन कर चुके हैं। करीब एक दशक पूर्व स्वीकृत हुई पेयजल योजना पर आज तक काम पूरा नहीं हो पाया है। स्थिति यह है कि निर्माण एजेंसी जल निगम शासनादेश जारी होने के बावजूद धनाभाव का रोना रो रहा है। पेयजल संकट को देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने आंदोलन का मन बनाया है।
वर्ष 2006 में जवाड़ी-रौठिया ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना की स्वीकृत मिली थी। योजना निर्माण के लिए शासन से 1294.64 लाख रुपए अवमुक्त हुए थे। वन भूमि के चलते योजना पर पर वर्ष 2010 में काम शुरू हुआ। जल निगम ने वर्ष 2013 तक लस्तर गाढ़ से घेघड़खाल से ढाई किमी पीछे तक पचास किमी पेयजल लाइन बिछाने का काम पूरा किया था। बजट खत्म होने के कारण योजना का काम लटक गया। लेबर और मटीरियल की कीमत बढ़ने का हवाला देकर जल निगम ने शासन को रिवाइज स्टीमेट भेजा। इसके बाद करीब 12 करोड़ की धनराशि में लगभग पांच करोड़ की धनराशि की वित्तीय स्वीकृति मिली थी। इसके बावजूद अभी तक जल निगम को पैसा अवमुक्त नहीं हुआ है। धनाभाव के कारण टैंक, ग्रेविटी ओर वितरण लाइन का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। पेयजल योजना से भरदार क्षेत्र की 52 बस्तियों को लाभ मिलेगा।
स्वीली-सेम गांव के कृष्णानंद डिमरी, दरमोला गांव के लक्ष्मण सिंह पंवार, लखपत पंवार, जवाड़ी गांव देवी प्रसाद नौटियाल, महिपाल पंवार, घेघड़खाल के दीपक पंवार समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत रुद्रप्रयाग दौरे पर आए थे। उन्होंने जनता के बीच कहा था कि वह घोषणा नहीं करते हैं, बल्कि शासनादेश अपने साथ लाते हैं। शासनादेश जारी होने के बावजूद जल निगम को पैसा अवमुक्त नहीं हुआ है। जिले में भरदार क्षेत्र सबसे अधिक पानी के संकट से जूझ रहा है। गर्मियों के सीजन में ग्रामीण पानी के लिए दर-दर भटकते हैं। योजना के निर्माण के लिए ग्रामीण कई बार आंदोलन कर चुके हैं। ग्रामीणों ने कहा कि एक माह के भीतर पेयजल योजना पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण मई माह में संघर्ष समिति का गठन कर आंदोलन का बिगुल बजाएंगे। सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन, क्रमिक-अनशन और आमरण-अनशन किया जाएगा।
जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी का कहना है कि गर्मियों में भरदार के ग्रामीणों को पानी का संकट झेलना पड़ता है। धनराशि जारी करने के लिए कई बार शासन और जल निगम से पत्राचार किया जा चुका है। इस संबंध में जल्द ही एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से वार्ता करने देहरादू जाएगा। वहीं, जल निगम के सहायक अभियंता प्रवीण शाह ने बताया कि पूर्व में पेयजल योजना के निर्माण के लिए टेंडर निकाले गए थे, लेकिन पैसा न होने से टेंडर निरस्त करने पड़े। शासन से पैसा मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बाॅक्स न्यूज
19 अक्टूबर 2016 को 1294.64 लाख रुपए नाबार्ड के तहत जवाड़ी-रौठिया ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना (पुनरीक्षित) निर्माण कार्य की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति का शासनादेश जारी हुआ है। जिसके तहत पहले चरण में 494.864 लाख रुपए की धनराशि वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। 31 मार्च 2018 तक उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को प्रस्तुत करना था।