उत्तराखंड

ब्रह्ममुहूर्त में खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, गूंजे बद्री विशाल के जयकारे..

ब्रह्ममुहूर्त में खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, गूंजे बद्री विशाल के जयकारे..

उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को तकड़े 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए हैं। धाम के कपाट पुष्य नक्षत्र और वृष लग्न में बिना तीर्थयात्रियों की उपस्थिति के खोले गए। धाम में कपाट खुलने के दौरान केवल हक-हकूकघारी, धर्माधिकारी और आचार्य ब्राह्मण ही मंदिर परिसर में मौजूद रहे।

 

वहीं, मंदिर के अंदर रावल को ही जाने की अनुमति थी। मंदिर के कपाट खुलते ही बद्रीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा। इस दौरान विधि-विधान से कुबेर जी और उद्धव जी बद्रीश पंचायत (बद्रीनाथ गर्भगृह) में विराजमान किए गए। अब चारधाम यात्रा के दौरान ग्रीष्म काल में भगवान बद्री विशाल की पूजा-अर्चना छह माह धाम में ही होगी। कपाट खुलने के पावन अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के दर्शन कर पाए।

 

कपाट खुलने के बाद सबसे पहले बद्री विशाल की मूर्ति पर ढका गया घृत कंबल उतारा गया। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा गया। निर्वाण दर्शन के बाद बद्री विशाल का अभिषेक किया गया। इसके बाद बद्री विशाल का श्रृंगार कर पूजा अर्चना संपन्न हुई।

देवस्थानम बोर्ड की ओर से धाम के कपाटोद्घाटन की जोरदार तैयारियां की गई थीं। नारायण फ्लावर ऋषिकेश व बद्री -केदार पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से बद्रीनाथ धाम के सिंहद्वार व अन्य देवालयों को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।धाम में पहली पूजा और महाभिषेक पीएम नरेंद्र मोदी ओर से विश्व कल्याण और आरोग्यता की भावना से की गई। वहीं, सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने प्रार्थना की कि जल्द ही विश्व कोरोना महामारी से मुक्त हो सके।

 

गढ़वाल आयुक्त और उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही अब चारों धामों के कपाट खुल गए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने की अनुमति नहीं है। लेकिन तीर्थयात्री अब बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।

कपाट खुलने के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया। देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी  बी.डी. सिंह का कहना हैं कि मंदिर परिसर, बस टर्मिनल, स्वागत कार्यालय और आवासों में पर्याप्त सैनिटाइजेशन किया गया है। कपाट खुलने के दौरान भी मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रयोग किया गया।

 

साथ ही उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 14 मई को दिन में 12:15 बजे और गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को  सुबह 7:31 बजे और केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को सुबह 5 बजे पहले ही खुल चुके हैं। साथ ही तृतीय केदार तुंगनाथ एवं चतुर्थ केदार रूद्रनाथ मंदिर के कपाट भी 17 मई को खुल गए हैं। द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं, जबकि हेमकुंड गुरूद्वारा साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नहीं है।

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