देहरादून में आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ दी तहरीर..
उत्तराखंड: एलोपैथिक विवाद को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की उत्तराखंड शाखा ने बाबा रामदेव के खिलाफ गढ़ी कैंट थाने में तहरीर दी है। बुधवार को आईएमए ने एलोपैथिक डॉक्टरों का मजाक उड़ाने के मामले में कार्रवाई करने की मांग को लेकर डीजीपी अशोक कुमार को भी शिकायती पत्र भेजा है। आईएमए सचिव डॉ. अजय खन्ना का कहना हैं कि एलोपैथी का मजाक उड़ाकर और एलोपैथिक डॉक्टरों के खिलाफ बयानबाजी कर बाबा रामदेव ने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का अपमान किया है।
उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि आईएमए की ओर से पत्र मिला है। नियमानुसार इसे संबंधित जिले को भेजा जा रहा है। आपको बता दे कि हाल ही में बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने एलोपैथी को मूखर्तापूर्ण विज्ञान बताया था। उन्होंने कहा था कि टीके लगवाने के बाद भी कई डॉक्टरों की मौत हो गई। उनके इस बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ा एतराज जताते हुए माफी की मांग की थी।
आईएमए भेज चुका एक हजार करोड़ का नोटिस..
बाबा रामदेव के बयान के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड की ओर से बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ का मानहानि का नोटिस भी भेजा जा चुका है। वहीं, यह मामला पीएम मोदी तक भी पहुंचा था।
आईएमए ने उठाई थी पतंजलि का ड्रग लाइसेंस रद्द करने की मांग..
बता दें कि हाल ही में बाबा रामदेव ने विटामिन सी, जिंक, कैल्शियम की दवा बाजार में उतारी थी। एसोसिएशन के अनुसार, यह सभी एलोपैथिक नाम हैं। बाबा को इनका आयुर्वेदिक नाम बताना चाहिए। यह सभी कैमिकल हैं, तो रामदेव बताएं, उन्होंने दवा कैसे बनाई? उन्होंने सीएम व सीएस को पत्र लिखकर पतंजलि का ड्रग लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी।
फार्मा कंपनियों के खिलाफ भी खोला थ मोर्चा..
रामदेव बाबा का कहना था कि दवा ही नहीं, टेस्ट और ऑपरेशन माफिया भी हैं, जो मरीजों को लूट रहे हैं। स्वामी रामदेव ने आरोप लगाया था कि कुछ बुरे डाक्टर महंगी दवाएं ही मरीजों के पर्चे पर लिखते हैं। ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं लिखने वाले डॉक्टर कमीशन खाते हैं। जेनरिक दवाएं न लिखकर उसी साल्ट की महंगी दवाएं लिखते हैं। इनका इस खेल को बंद करवाने के लिए कोर्ट भी जाऊंगा।