विधानसभा भर्ती के बाद अब कर्मचारियाें के इस मुद्दे पर उठे सवाल..
प्रोमोशन पर कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट..
विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्ती के बाद 140 कर्मचारियों को पदोन्नति मिली। अब विधिक परीक्षण के बाद इन कर्मचारियों की मुश्किल भी बढ़ सकती है।
उत्तराखंड: विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्ती के बाद 140 कर्मचारियों को पदोन्नति मिली। अब विधिक परीक्षण के बाद इन कर्मचारियों की मुश्किल भी बढ़ सकती है। वास्तव में, विधानसभा की भर्ती प्रथाओं को देखने के लिए गठित जांच समिति ने राज्य के निर्माण के बाद की गई किसी भी भर्ती को कानून के खिलाफ माना।
विधानसभा अध्यक्ष को दी गई जांच रिपोर्ट के अनुसार बैकडोर भर्ती के बाद 140 के करीब कर्मचारियों के अलग-अलग पदों पर प्रमोशन किए गए हैं। कर्मचारियों के प्रमोशन में भी एक रूपता नहीं है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इन कर्मचारियों के प्रमोशन के संदर्भ में तभी कोई निर्णय लिया जा सकता है जब इसके विनियमितीकरण को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाए।
राज्य स्थापना के बाद से विधानसभा में कुल 170 कर्मियों को नियमित किया गया है। जिनमें से 140 के समय-समय पर प्रमोशन भी किए गए। जानकारी के अनुसार, अब विधिक राय की रिपोर्ट के बाद प्रमोशन वाले कर्मचारियों की मुश्किल भी बढ़ सकती हैं। नतीजतन, इसका असर कर्मचारियों के नौकरी पर भी पड़ सकता है।
विनियमितीकरण पर जल्द ली जाएगी विधिक राय..
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी पहले ही साफ कर चुकी हैं कि विधानसभा में 2016 से पहले जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हुई और अब वे नियमित हो चुके हैं ऐसे कर्मचारियों पर जल्द विधिक राय ली जाएगी। भर्तियों की जांच के लिए बनी समिति ने इन कर्मचारियों की नियुक्ति को भी गलत मानते हुए विधिक परीक्षण कराने को कहा था। इसके बाद अब माना जा रहा है कि जल्द ही विधानसभा सचिवालय इस संदर्भ में आदेश कर सकता है।