उत्तराखंड

डॉक्टरों ने सारा इलाज किया है तो हम क्या यहां भंडारा खाने आ गए- बाबा रामदेव..

डॉक्टरों ने सारा इलाज किया है तो हम क्या यहां भंडारा खाने आ गए- बाबा रामदेव..

उत्तराखंड: एलोपैथी और डॉक्टरों पर बयान देकर विवाद में फंसे योगगुरु स्वामी रामदेव का कहना है कि डॉक्टर्स ने नहीं बल्कि योग और नेचुरोपैथी ने कोरोना से लाखों लोगों की जान बचाई है। रामदेव ने यहा भी दावा किया कि जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल 70 से भी कम हो गया था वे योग और नेचुरोपैथी के जरिए ठीक हुए हैं। उन्होंने साफ़ कहा कि ये दावा बिलकुल झूठ है कि कोरोना के सभी मरीजों का इलाज डॉक्टर ही कर रहे थे। एक इंटरव्यू में रामदेव ने कहा- अगर इन्हीं डॉक्टरों ने सारा इलाज किया है तो हम क्या यहां भंडारा खाने आ गए हैं? उनका कहना हैं कि डॉक्टरों ने सिर्फ कुछ गंभीर मरीजों का इलाज किया है। डॉक्टर गुलेरिया ने खुद कहा है कि इस रोग से पीड़ित हुए 90% लोगों को अस्पताल नहीं जाना पड़ा, ये सभी लोग आयुर्वेद, योग और स्वस्थ जीवन शैली की वजह से ठीक हुए हैं।

 

कोरोनिल को सरकार ने कोरोना की होमकिट में शामिल क्यों नहीं किया इस सवाल पर रामदेव ने कहा- “ये हमारा नहीं बल्कि सरकार की नीतियों का दोष है। हम तो कह ही रहे हैं कि कोरोना के 100 में से 90 मरीज योग, आयुर्वेद और प्राणायाम से ही ठीक हुए हैं। सिर्फ ये कहना गलत है कि डॉक्टर ही इलाज कर रहे थे। मैं मानता हूं कि उन्होंने जान देकर मरीजों का इलाज किया और इसके लिए उनका धन्यवाद भी देता हूं। गंभीर होकर अस्पताल जाने वाले सिर्फ 10% मरीजों का इलाज ही इन डॉक्टर्स ने किया है।

 

साथ ही रामदेव ने कहा कि मैं एलोपेथी का विरोधी नहीं हूं लेकिन इन डॉक्टर्स को क्यों आपत्ति होती है जब मैं कहता हूं कि 90% मरीज योग, प्राणायाम और आयुर्वेद से ठीक हुए हैं। मैं उनके सामने आर्थिक ताकत नहीं हूं, फार्मा-हॉस्पिटल इंडस्ट्री और डॉक्टर्स का कारोबार कुल मिलकर 200 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है। मैं तो उनके सामने ऊंट के मुंह में जीरे जितना भी नहीं हूं। लेकिन मेरे पास सच की ताकत है और वे लोग अब मुझे दबा नहीं सकते।

 

रामदेव ने आरोप लगाया कि मुझे देशद्रोही वो लोग कह रहे हैं जिनके तार धर्म परिवर्तन कराने वालों से जुड़े हैं। ये कहते हैं कि कोरोना अच्छा है इससे कन्वर्जन भी अच्छा होगा। यहां दवा नहीं बल्कि मजहब विशेष की कृपा की जरूरत है। कन्वर्जन और अंधविश्वास में यकीन रखने वाले लोग IMA के अध्यक्ष बने हुए हैं। डॉक्टर की मौत का मज़ाक उड़ाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ये WHO का आंकड़ा है। डॉक्टर्स डबल वैक्सीन लेने के बाद भी मरे हैं।

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