देहरादून के होटल में मिली लड़की की लाश..
उत्तराखंड: देहरादून के राजपुर रोड स्थित होटल एंबेसडर एक में 22 वर्षीय युवती की हत्या कर दी गई। युवती का शव कमरे में गद्दों के बीच रजाइयों से ढका हुआ पड़ा था। युवती के मुंह और सिर से खून निकला था। परिजनों के अनुसार युवती रविवार शाम को घर से निकली थी। लेकिन वापस नहीं आई। परिजन ही उसकी तलाश करते हुए होटल पहुंचे थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जांच में पता में चला कि वह एक युवक के साथ होटल में ठहरी थी। पुलिस युवक को तलाश कर रही है।
युवती की पहचान नुसरत उर्फ मुस्कान निवासी चंद्रबनी के रूप में हुई है। उसके परिजनों ने बताया कि मुस्कान चंद्रबनी में जावेद नाम के युवक के साथ रहती है। हालांकि, उसने शादी की है या नहीं इस बारे में जानकारी परिजनों को भी नहीं है। मुस्कान की बहन जीनत निवासी जैन प्लाट का कहना हैं कि सोमवार सुबह जावेद उसके पास आया और कहा कि मुस्कान उससे झगड़ा करने के बाद घर से निकल गई थी। जिसके बाद से वह वापस नहीं आई है।
सुबह 10 बजे से दो बजे तक सभी रिश्तेदारों और परिजनों ने उसकी तलाश की। इस बीच पता चला कि युवती को एक व्यक्ति ने होटल के बाहर छोड़ा है। जीनत और जावेद होटल पहुंचे तो होटल स्टाफ ने उन्हें वहां से जाने को कहा। लेकिन, जीनत ने जब पुलिस बुलाने की धमकी दी तो एक कर्मचारी ने बताया कि मुस्कान एक युवक के साथ कमरा नंबर 321 में ठहरी थी। लेकिन, इसके बाद वह से किसी ने भी चेकआउट नहीं किया। जब एक डुप्लीकेट चाभी से कमरा खोला तो मुस्कान वहां नहीं दिखी।
जीनत ने कहा कि उन्होंने अलमारी आदि को भी खोलकर देखा, लेकिन मुस्कान का कहीं पता नहीं चला। इस पर उसने रजाइयां उठाकर देखा तो बेड के दोनों गद्दों के बीच मुस्कान पड़ी हुई थी। उसके चेहरे का आधा हिस्सा नीला पड़ गया था और उसके मुंह से खून निकला हुआ था। उसके सिर में पीछे की तरफ भी चोट के निशान थे। सूचना मिलने के बाद बाद वहां पर कोतवाली पुलिस और आला अधिकारी भी पहुंच गए। मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुला लिया गया था। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। मुस्कान यहां पर किसके साथ आई थी और कमरे में क्या हुआ यह सब जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
इस पूरे मामले में होटल स्टाफ की लापरवाही भी सामने आयी है। होटल में कमरा नंबर 321 में सुनील कुमार निवासी ऊधमसिंह नगर ठहरा हुआ था। रजिस्टर में यह भी एंट्री नहीं थी कि उसके साथ कोई और ठहरा था। होटल स्टाफ ने सुनील की आईडी के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस लिया, लेकिन युवती की कोई आईडी अपने पास नहीं रखी।
शव दो गद्दों के बीच में रजाइयों से ढका हुआ था। शुरूआत में जब होटल स्टाफ और परिजन कमरे में गए तो उन्हें वह पर मुस्कान नहीं दिखी। शुरूआती पड़ताल में माना जा रहा है कि कातिल मुस्कान की हत्या कर शव को यहां छुपाकर चुपचाप होटल से बाहर चला गया।
आखिर क्या है दो रजिस्टरों का राज?
दरअसल, जब पुलिस वहां पर पूछताछ कर रही थी तो काउंटर पर रजिस्टर रखा हुआ था। इस रजिस्टर में किसी विकास शर्मा का नाम लिखा था। उसी के नाम पर कमरा नंबर 321 दर्ज था। वह वहां पर 49वां ग्राहक था। लेकिन, उसके आगे न तो पता साफ-साफ लिखा था और न ही समय। इसमें कुछ देर बाद जब वहां पर एक रजिस्टर लाया गया तो पता चला कि कमरा नंबर 321 सुनील कुमार के नाम पर था।
लेकिन, यहां भी न तो पता साफ लिखा था और न ही समय। पहला रजिस्टर आधा भरा हुआ था। उस पर सीरियल नंबर भी लिखा हुआ था। लेकिन, स्टाफ बाद में जो दूसरा रजिस्टर लाया उसके आखिरी कुछ पन्नों पर ही यह नाम आदि दर्ज थे। हालांकि, इनमें से कौनसा रजिस्टर सही है यह तो जांच में पता चलेगा। लेकिन, प्रथमदृष्टया तो यह चालबाजी के अलावा कुछ नहीं दिख रही है।