सजग और जागरूक रहें ग्राम प्रधान
जन अधिकार मंच ने मामले का खुलासा करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की
रुद्रप्रयाग: भोले-भाले ग्रामीणों से पैसे ऐंठने के लिए ठगों ने नया तरीका निकाला है। ग्राम प्रधानों को प्रार्थना पत्र और फॉर्म भेजकर नौकरी का झांसा दिया जा रहा है।
दरअसल इन दिनों ग्राम प्रधानों को एक प्रार्थना पत्र भेजा जा रहा है। जिसमें लिखा गया है कि राष्ट्रीय ग्रामीण युवा प्रशिक्षण एवं सेवायोजन योजना के तहत प्रौढ़ एवं समग्र शिक्षा विस्तार योजना के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापन कार्य हेतु पांच शिक्षित युवक-युवतियों की नियुक्ति की जानी है। चयनित अभ्यर्थी की आयु 18 से 35 वर्ष और शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल, इंटर मीडिएट या स्नातक मांगी गई है। चयनित अभ्यर्थी को नौ हजार पांच सौ से 19 हज़ार रुपए तक सैलरी दिया जाना अंकित किया गया है।
प्रार्थना पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि ग्राम प्रधान पांच अभ्यर्थियों का चयन कर प्रार्थना पत्र पर उनका आवेदन कराएं और प्रत्येक आवेदनकर्ता से पंजीकरण हेतु एक हजार रुपये दिशा इंटरप्राइजेज के नाम बैंक ड्राफ्ट भेजे। भरे गए फॉर्म और बैंक ड्राफ्ट को सदत पश्चिमी, कुंदरकी निवासी जितेंद्र कुमार के नाम भेजने के लिए कहा गया है।
इस मामले का खुलासा करते हुए जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि ग्राम प्रधान इनके झांसे में बिल्कुल न आएं। भोले-भाले ग्रामीणों से पैसे ऐंठने के लिए इन ठगों ने यह तरीका निकाला है। इनके इस खेल को सभी को समझना होगा। अगर इन्हें एक ग्राम पंचायत से पांच हजार रुपए बैंक ड्राफ्ट के जरिये मिलते हैं तो उत्तराखंड में हजारों की संख्या में ग्राम पंचायतों से करोड़ों की धनराशि मिलेगी। उत्तराखंड में कुल 7950 ग्राम पंचायतें हैं। और इस तरह हर एक ग्राम पंचायत से पांच हजार रुपये बैंक ड्राफ्ट के जरिये भेजे जाते हैं तो यह रकम करीब करीब चार करोड़ रुपये बैठती है। जन अधिकार मंच ने निर्णय लिया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग मुखरता से की जाएगी। ताकि इन ठगों का भांडा फूट सके। वहीं जिलाधिकारी सुश्री वंदना चौहान ने इसे पूरी तरह फेक बताया। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों के सजग और जागरूक रहने से ही ठगी से बचा जा सकता है।