NH-24 पर महिला का ऑटो में अपहरण करके 3 घंटे तक किया सामूहिक दुष्कर्म..
अंधेरी रात में मदद के लिए घंटों तक हाईवे पर दौड़ी महिला..
देश-विदेश : उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा के दावों के बीच हापुड़ और गाजियाबाद के बीच एनएच-24 पर एक 30 वर्षीय महिला का अपहरण कर चलते ऑटो में गैंगरेप की घटना से हलचल मच गया। दरिंदे रात में कई घंटों तक दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पीड़िता को लेकर दौड़ाते रहे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता मदद के लिए हाईवे पर पुलिस के पास दौड़ती गयी। अंधेरी रात और सर्द रात में अकेली पीड़िता घंटों तक अकेली दौड़ी।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे जैसे व्यस्ततम हाईवे पर गाजियाबाद से लेकर हापुड़ तक पुलिस गश्त के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है। रात को नोएडा से डयूटी के बाद लौट रही एक महिला का ऑटो में अपहरण कर दिया। तीन युवक अपहरण कर गाजियाबाद के थाना मसूरी तक लेकर आ गए। इसके बाद उन तीनों ने बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप भी किया। गैंगरेप के बाद आरोपी पीड़िता को हाईवे के पास गांव गालंद के बाहर छोड़ गए। सर्द और अंधेरी रात में अकेली युवती कई किलोमीटर तक हाईवे पर दौड़ती रही, जो पैदल ही मसूरी थाने तक पहुंच गई। लेकिन पुलिस ने वहां पर उसकी कोई सुनवाई नहीं की। घटना को लेकर पहले घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। उसके बाद मामला हापुड़ जिले का बताकर उसे टरका दिया।
मॉल में नौकरी करती है पीड़िता..
पुलिस के अनुसार पीड़ित पौने नौ बजे गाजियाबाद के एक मॉल से अपनी ड्यूटी खत्म करके अपनी किसी सहेली के साथ सम्राट चौक विजय नगर तक पहुंची थी। जहां से वह लालकुआं गाजियाबाद से जाने के लिए ऑटो में सवार हो गयी। ऑटो लालकुआं से नीचे जाना था, लेकिन पहले से युवती को बीच में लेकर बैठे बदमाश उसका अपहरण कर उसे मसूरी बॉर्डर के पास एक रजवाहे में ले गए जहां उसके साथ गैंगरेप कर उसे हाईवे पर ही छोड़कर फरार हो गए।
एसपी नीरज जादौन का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर मेडिकल करा दिया गया है। तीन लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही घटना का खुलासा भी कर दिया जाएगा।
दरिंदों को पकड़ने के स्थान पर हापुड़ फोन किया..
अगर हापुड़ एसपी नीरज जादौन का बयान सुनें तो उसमें कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस ने सूचना दी,है कि जिस पर स्वयं एसपी ने मौके पर जाकर देखा है। हापुड़ पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा, लेकिन सवाल यह है कि जब रात को पीड़िता दौड़ रही थी तो गाजियाबाद पुलिस उसकी आवाज सुनकर रास्ते में ऑटो को रुकवा सकती थी क्योंकि ऑटो गाजियाबाद ही वापस गया होगा था।