उत्तराखंड

राशन डीलरों के विरोध के बाद विधायक ने छोड़ा कार्यक्रम स्थल..

अन्न उत्सव का बहिष्कार करते हुए डीलरों ने किया जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन..

मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं राशन डीलर..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग: मानदेय सहित विभिन्न मांगों को लेकर पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति ने अन्न उत्सव कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर रुद्रप्रयाग गोदाम में आयोजित अन्न उत्सव कार्यक्रम में पहुँचे स्थानीय विधायक भरत सिंह चौधरी को भी गल्ला विक्रेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए कार्यक्रम के बीच में ही उठकर चल दिए।

 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस मौके पर आयोजित सभा में जिलाध्यक्ष अंशुल जगवाण, सचिव हर्षवर्धन सेमवाल ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती है वह राशन नहीं उठाएंगे। उन्होंने अन्न उत्सव कार्यक्रम का पूरी तरह बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें सम्मानजनक मानदेय दिया जाय। इसके साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं में प्रति कुंतल 300 रुपए लाभांश दिया जाय और गल्ला विक्रेता का दस लाख रुपए का बीमा किया जाय। सभी गोदामों में इलेक्ट्रॉनिक तराजू और धर्मकांटा लगाया जाए। गल्ला विक्रेताओं को कोरोना वॉरियर घोषित कर सम्मानपत्र जारी किया जाय।

 

इसके अलावा दुकान का भाड़ा, बिजली का बिल, रिचार्ज एवं पिछला बकाया भुगतान किया जाय। मयाली गोदाम के अध्यक्ष प्रवीण ममगांई, तिलवाड़ा अध्यक्ष विजय कुमार, चोपता अध्यक्ष नीरज नेगी, पौठी अध्यक्ष जगत पंवार, बसुकेदार अध्यक्ष ओषकर गौड़, गुप्तकाशी अध्यक्ष महेंद्र बाजपेयी, सुदर्शन चौहान, उखीमठ दिलबर सिंह, हितेंद्र रतूड़ी, जसोधर सेमवाल का कहना है कि राशन विक्रेताओं को प्रधानमंत्री खाद्यान वितरण पर कमीशन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। साथ ही जो लाभांश सरकार ने विक्रेताओं को देने की घोषणा की थी, वह आज तक नहीं मिला है। राशन डीलरों ने कोरोनाकाल में अपनी अहम भूमिका निभाई।

 

 

 

 

बावजूद आजतक विभिन्न योजनाओं का भाड़ा तथा मानदेय डीलरों को नहीं दिया गया। कांग्रेस सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष अंकुर रौथाण ने कहा कि वर्षों से राशन डीलर एक ही कमीशन पर काम कर रहे हैं। महंगाई तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में हर राशन डीलर की मांग है कि उनके लिए हर महीने का मानदेय तय हो और समय-समय पर इसमें संशोधन भी हो। इस मौके पर गम्भीर पंवार, धीर सिंह भंडारी, मदन चौहान, पार्वती देवी, आलम सिंह, किशन चंद्र, धर्म सिंह, कैलाश सिंह, गिरीश चंद्र मलासी सहित कई राशन विक्रेता मौजूद थे।

राशन डीलरों के साथ खड़ा है उक्रांद..

उत्तराखंड क्रांति दल ने राशन डीलरों को पूर्ण समर्थन देते हुए सरकार से जल्द जायज मांगों के निस्तारण की मांग की। उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने आंदोलन में हिस्सा लेते हुए कहा कि वह राशन डीलरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज डीलरों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। एक ओर सरकार अन्न उत्सव के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं डीलरों की जायज मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।

 

राशन डीलर बिना मानदेय के काम कर रहे हैं। जबकि उन्हें मानदेय देने की कई बार घोषणा की गई, लेकिन आज तक उन्हें मानदेय नहीं दिया गया। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और पूर्व में मनरेगा का कार्य करने वाले ग्रामीणों को काम के बदले अनाज योजना के तहत राशन डीलरों से राशन वितरित करवाया था, लेकिन अभी तक डीलरों का भाड़ा, कमीशन और पल्लेदारी पर होने वाले व्यय का भुगतान नहीं किया गया और ना ही दो साल का नियमित भाड़े का भुगतान किया गया। लंबे समय से डीलर अपनी न्यायोचित मांगों के लिए संघर्षरत हैं। उत्तराखण्ड क्रांति दल राशन डीलरों की इस लड़ाई में साथ खड़ा है।

 

 

 

 

 

 

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