उत्तराखंड

संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से युवक की मौत..

संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से युवक की मौत..

उत्तराखंड : रुद्रपुर में फैक्टरी में वेल्डिंग का काम करने वाले युवक की घर में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। गोली लगने से मृतक के चेहरे के दाहिने हिस्से के चीथड़े उड़ गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के पास से तमंचा और खोखा बरामद किया है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर और अन्य अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस प्रथम दृष्टया घटना को आत्महत्या मान रही है और शक के आधार पर मृतक के भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया है।

सूचना पर एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एसपी सिटी देवेंद्र पींचा, एसपी क्राइम प्रमोद कुमार, सीओ अमित कुमार, कोतवाल एनएन पंत, एसएसआई कुलदीप अधिकारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना कर परिजनों से पूछताछ की। फोरेंसिक टीम ने भी कमरे से साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने जब औंधे मुंह गिरे धीरेंद्र को पलटा तो 315 बोर का तमंचा और खोखा बरामद हुआ। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

 

 

पुरानी चौकी वाली गली पहाड़गंज में धीरेंद्र कुमार (31) पुत्र जगदीश कुमार अपने पांच अन्य भाइयों और मां के साथ रहता था। वह सिडकुल की किसी कंपनी में वेल्डर था। बृहस्पतिवार सुबह घर पर धीरेंद्र के अलावा उसकी मां सुदामा देवी, भाभी लीलावती और भाई नरेंद्र थे। उसकी बड़ी भाभी प्रतिमा छठ पर्व के लिए मायके जाने को निकली थी।
मां सुदामा देवी ने बताया कि वह रसोई में धीरेंद्र के लिए वह खाना लगा रही थी और बाहर टहल रहे बेटे नरेंद्र को उसने धीरेंद्र को खाना देने के लिए कहा था। नरेंद्र पानी का जग लेकर कमरे में पहुंचा था तो धीरेंद्र लहूलुहान जमीन पर पड़ा था और खून कमरे से बाहर निकल रहा था।

छह भाइयों में चौथे नंबर का था मृतक.. 

पहाड़गंज में मृतक अपने पांच भाइयों के साथ रहता था। वह दिवाली के बाद कंपनी में काम करने नहीं गया था। उसके दो भाई भूपेंद्र कुमार और मुनेंद्र विवाहित हैं जबकि नरेंद्र, धीरेंद्र, मनोज और सतेंद्र अविवाहित हैं। सभी भाई मजदूरी और वाहन चलाने का काम करते हैं। परिजनों ने पुलिस को बताया कि उनका एक बेटा नरेंद्र नशे का आदी था। कुछ समय पूर्व ही उसने नशा छोड़ा था। वह अधिकांश समय घर पर ही रहता था।

 

 

प्लेट में रखी रह गई रोटी और कटोरी में दाल..

मां सुदामा देवी ने बताया कि उसने धीरेंद्र और परिजनों के लिए खाना बनाया था। बेटे धीरेंद्र को रोटी देने से पहले उसने नरेंद्र को कमरे में पानी रखने के लिए बोला था। खुद रसोई में प्लेट में रोटी रखने के साथ चूल्हे पर दाल गर्म करने को रखी थी लेकिन उसे क्या पता था कि ये रोटियां धीरेंद्र नहीं खा पाएगा।

घटनास्थल का मुआयना, परिस्थितियों को देखने और परिजनों से बातचीत में 80 फीसदी यह घटना आत्महत्या प्रतीत हो रही है। शव के नीचे तमंचा मिला है और ऐसा लग रहा है कि उसने दाएं हाथ से कपनटी पर तमंचा सटाकर फायर किया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की असली वजह पता चलेगी।

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