उत्तराखंड

सड़क सुरक्षा का संदेश देगी फिल्म ‘यंग बाइकर्स’।

सुमित जोशी

रामनगर (नैनीताल)। वैसे तो बड़े पर्दे पर आने वाली हर फिल्म मनोरंजन पूर्ण होती है या फिल्म के पीछे मनोरंजन के साथ कोई संदेश छिपा होता है जो समाज के किसी मुद्दे पर जाग्रति के उद्देश्य से उसमें शामिल किया जाता है। लेकिन यंग बाइकर्स फिल्म खासकर युवाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई है। जिसमें मनोरंजन के साथ युवा वर्ग को सड़क सुरक्षा का संदेश दिया गया है। ये फिल्हाल सेंसर बोर्ड में गई है और दिवाली तक इसकी रिलीजिंग की उम्मीद है। लेकिन बीते सप्ताह यूट्यूब पर फिल्म का प्रोमो जारी होने के बाद से ही ये फिल्म युवा वर्ग के बीच चर्चाओं में है।

युवाओं के बीच फिल्म को लेकर उत्सुक्ता से लेखक और निदेशक विमल पाण्डेय इसे सड़क सुरक्षा के संदेश की सफलता मान रहे हैं। सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा के उद्देश्य को लेकर एआरटीओ विमल पाण्डेय के निर्देशन में बनी फिल्म यंग बाइकर्स अपने में शायद सड़क सुरक्षा को लेकर बनी पहली फिल्म होगी। जिसमें खासकर युवा वर्ग को ध्यान में रखकर मनोरंजन और ग्लैमर के साथ सड़क सुरक्षा का भी संदेश दिया गया है।

इस फिल्म की खासियत सड़क सुरक्षा का संदेश तो है लेकिन एक बात और है जो इसे खास बनाती है वो है एक प्रशासनिक अधिकारी द्वारा फिल्म के लेखन, निर्देशन के साथ अभिनय करना। वर्तमान में रामनगर में तैनात एआरटीओ विमल पाण्डेय की क्रियेटिव कार्यशैली के बूते ही सड़क सुरक्षा के संदेश को एक अभियान का रूप मिल सका है। अमूमन देखा जाता है कि प्रशासनिक अधिकारी अपने काम में इतने व्यस्थ दिखते है जिससे उनको अपने विभाग से जुड़े अन्य आयामों के बारे मे सोचने का समय ही नहीं मिल पाता है। लेकिन एआरटीओ पाण्डेय ने काम से ही कुछ समय निकाल कर 2 घंटे 11 मिनट की यंग बाइकर्स फ़िल्म को लिखा है।

पांडेय ने बताया कि सड़क सुरक्षा को लेकर एक नया कांसेप्ट है इस फिल्म में ग्लैमर और मनोरंजन के साथ हैलमेट, सीटबेल्ट की उपयोगिता, रोड सेंस, मोटर कानून और दुर्घटना पिड़ितों की मदद करने के प्रति युवा वर्ग को जागरूक करने का प्रयास किया गया है। फिल्म के ज्यादा हिस्सों के विषय में उन्होंने ज्यादा तो नहीं बताया मगर इतना जरूर बताया कि फिल्म हल्द्वानी, रूद्रपुर, देहरादून, बनवसा, टनकपुर और कुल्लू मनाली में सूट की गई है।

साथ ही ये बताया कि फिल्म में पांच गाने शामिल किए गए हैं। जिनमें शीर्षक गीत यंग बाइकर्स धीरे चल, सम्भल कर चल है। फिल्म के दो गाने एआरटीओ पांडेय ने खुद और दो गान कवि हरीश उप्रेती ने लिखे हैं। फिल्म के गानों को आवाज कुमार शानू, उदित नारायण, पामेला जैन, वैशाली विजय और व्यापक जोशी ने दी है। विमल पांडेय की पत्नी उप शिक्षाधिकारी गीतिका जोशी फिल्म की क्रिएटिव डायरेक्टर है। पांडेय ने कहा है कि फिल्म को दिवाली तक रिलीज कर दिया जाएगा। फिलहाल फिल्म सेंटर बोर्ड में है।

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