उत्तराखंड

कोरोना काल के बाद मानसिक रोगियों में बढ़ोत्तरी: डाॅ गैराला..

कोरोना काल के बाद मानसिक रोगियों में बढ़ोत्तरी: डाॅ गैराला..

विश्व मानसिक दिवस के मौके पर गोष्ठी, पेंटिंग व निंबध प्रतियोगिता का किया गया आयोजन..

पेंटिग प्रतियोगिता में आरूषी व निंबध में अर्पिता रही अव्वल..

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आयोजित गोष्ठी में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य विषय पर आयोजित पेंटिंग स्पर्धा में आरूषी व निबंध प्रतियोगिता में अर्पिता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

माई गोविंद गिरी सरस्वती विद्या मंदिर बेलणी में आयोजित कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनामिका सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य व शारीरिक स्वास्थ्य में अंतर बताते हुए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व बताया। एडवोकेट यशोदा खत्री ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य डाॅ राजीव गैरोला ने कहा कि मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है और कोरोना काल उपरांत मानसिक रोग की स्थिति में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि मानसिक रोग का इलाज संभव है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकेले में रहने लगना, थकावट, उलझन, बेचेनी, घबराहट, अत्याधिक चिंता या डर, आवेक में नियंत्रण में कमी होना, रोगी कई चिकित्सकों से उपचार कराने के बाद भी कई बार जांच को सामान्य पाकर असंतुष्ट रहना, असामान्य रूप से हंसना या रोना, कुछ ऐसी आवाज सुनाई देते हैं या आकृति दिखाई देते हैं जो अन्य को महसूस नहीं होती आदि मानसिक रोग के लक्षण हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह से अधिक समय तक यह लक्षण बने रहे तो उस व्यक्ति को मानसिक रोग हो सकता है। कहा कि समय पर उपचार एवं दवा के सहारे मानसिक रोग का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को अत्याधिक एवं अनियंत्रित इंटरनेट का उपयोग न करने की हिदायत दी, कहा कि इससे अनिंद्रा एवं गर्दन से जुड़ी बीमारी, पढाई-लिखाई से रूचि हटना, रिश्तों में तनाव, उदासी, चिंता आदि समस्याएं पेश आ सकती हैं।

उन्होने कहा कि प्रत्येक जिला चिकित्सालय में मनोरोग से संबंधित सलाहध्परामर्श लिया जा सकता है। प्रधानाचार्य शशि मोहन उनियाल ने मानसिक स्वास्थ्य की वैश्विक परिदृश्य में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विशेष रूप से जागरूक होने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अर्पिता नेगी, शिवम नेगी, रूद्रेश डिमरी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं पेंटिंग प्रतियोगिता में आरूषी पंवार, अराध्या पंवार, अखिलेश रावत ने क्रमशः प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस मौके पर निगरानी एवं मूल्यांकन अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य नागेश्वर बगवाड़ी, काउंसलर आरकेएसके विपिन सेमवाल, कंसल्टेंट एनटीसीपी दीपक नौटियाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक सुरेश शर्मा ने किया।

 

 

 

 

 

 

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