घोड़े-खच्चर के धक्के से महिला 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरी..
एसडीआरएफ की टीम ने सकुशल रेस्क्यू कर महिला की बचाई जान..
शुक्रवार रात्रि को एक यात्री के सिर मंे गिरा पत्थर, यात्री अस्पताल में भर्ती..
सुलभ इंटरनेशल की लापरवाही से पैदल यात्रा मार्ग पर फैली है गंदगी..
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम की यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों और तीर्थयात्रियों की एक साथ आवाजाही होने से तीर्थयात्री खासे परेशान हैं।
इसके अलावा पैदल मार्ग पर गंदगी फैली होने से तीर्थयात्री फिसल रहे हैं और वे चोटिल हो रहे हैं। यहां तक कि घोड़े-खच्चरों से धक्का लगने पर तीर्थयात्री खाई में गिर रहे हैं, जिस कारण उन्हें गंभीर चोटे भी आ रही हैं। सुलभ इंटरनेशनल की लापरवाही का खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ रहा है।
शनिवार को केदारनाथ दर्शन करने जा रही सीधुबाई महादेव निवासी महाराष्ट्र उम्र 71 वर्ष भैरो गेदेरे के पास घोड़े से धक्का लगने के कारण 50 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इसकी सूचना परिजनों की ओर से जिला प्रशासन तक पहुंचाई गई। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए एसडीआरएफ टीम को राहत एवं बचाव कार्य के लिए घटना स्थल के लिए रवाना किया गया।
एसडीआरएफ के जवानों की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया और 50 मीटर खाई में गिरी महिला को पिट्ठू के माध्यम से मुख्य मार्ग पर लाया गया तथा दो किमी स्ट्रैक्चर के माध्यम से घायल महिला को विवेकानंद हाॅस्पिटल बेस कैंप केदारनाथ में उपचार के लिए पहुंचाया, जहां डाॅक्टरों की टीम ने घायल महिला का उपचार किया।
एसडीआरएफ टीम की कार्यकुशला एवं तत्परता से घायल बुजुर्ग महिला की जान को बचाया गया। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार रात के साढ़े ग्यारह बजे के करीब केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही कर रहे सुनील भिमराव भाले उर्म 70 निवासी महाराष्ट्र के सिर पर पत्थर गिरने से वह चोटिल हो गया।
पुलिस की ओर से सूचना डीडीआरएफ टीम को दी गई, जिसके बाद टीम की ओर से पैदल मार्ग के मीठा पानी से यात्री को जंगलचट्टी स्थित एमआरपी तक लाया गया। समय रहते यात्री को इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। केदारनाथ यात्रा पर आये तीर्थयात्री सीधुबाई महादेव एवं सुनील भिमराव भाले ने कहा कि गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। यात्रा करने में काफी दिक्कतेें हो रही हैं।
पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद होने से पैर फिसल रहे हैं और घोड़े-खच्चर संचालक पैदल यात्रियों को कुछ नहीं समझ रहे हैं। इनकी बदतमीजी से यात्री खासे परेशान हैं। उन्होंने कहा कि पैदल यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाले सुलभ इंटरनेशल भी कोई कार्य नहीं कर रहा है।
जगह-जगह गंदगी फैली हुई है और यात्री नाक पर रूमाल रखकर यात्रा करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार को केदारनाथ यात्रा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।