उत्तराखंड

जय भोले के उदघोषों से गूंज उठी तुंगनाथ घाटी..

चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास को चोपता पहुंची

सात नवंबर से शुरू होगी तृतीय केदार तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं..

रुद्रप्रयाग : पंच केदारो में तृतीय केदार व चन्द्रशिला की तलहटी में बसे भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद कर दिए गये हैं। इस पावन अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने तुंगनाथ धाम पहुंचकर कपाट बन्द होने के साक्षी बने और जय भोले के उदघोषों के साथ चोपता तक भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य स्वागत किया।

बुधवार को बह्मबेला पर विद्वान आचार्यों, वेदपाठियों ने पंचाग पूजन के तहत भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस कोटि देवी-देवताओं का आह्वान कर आरती उतारी और श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग पर जलाभिषेक कर मनौती मांगी। ठीक दस बजे से भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हुई तो ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को चंदन, पुष्प, अक्षत्र, फल, भृगंराज से समाधि दी गयी तथा भगवान शंकर शीतकाल के छः माह जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो गये।

कपाट बंद होते ही तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने मंदिर की तीन परिक्रमा की। इसके बाद भक्तों ने डोली के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ की ओर प्रस्थान किया। उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंची तो स्थानीय व्यापारियों व सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य स्वागत किया। आज भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ाव पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी और छः नवंबर को भनकुण्ड से रवाना होकर शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कडेय तीर्थ तुंगनाथ मन्दिर मक्कूमठ पहुंचेगी। जहां पर छह माह तक शीतकाल में भगवान की पूजा अर्चना होगी। वहीं कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं भोले के भजनों पर मन्दिर परिसर में झूमते रहे।

साथ ही स्थानीय महिलाओं ने मांगल गीतों में साथ डोली को धाम से विदा किया। इस अवसर पर देवस्थानम् बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, कोषाध्यक्ष आरसी तिवारी, जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, मठापति राम प्रसाद मैठाणी, आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, विक्रम रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य गडगू लक्ष्मण सिंह राणा, देवानन्द गैरोला, शिव सिंह रावत, रणजीत रावत, नवीन मैठाणी, संतोष नेगी, गीताराम मैठाणी, अतुल मैठाणी, दिवाकर डिमरी, आशीष मैठाणी, रविन्द्र भट्ट, विक्रम सिंह रावत, लोक गायिका पूनम पाठक, पंकज भट्ट सहित आईटीबीपी औली का 24 सदस्यीय दल सहित विभिन्न गावों के जनप्रतिनिधि व देश-विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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