उत्तराखंड

केरल की तरह उत्तराखंड भी बनेगा आयुर्वेद का हब, इस पोर्टल पर होगा पंजीकरण..

केरल की तरह उत्तराखंड भी बनेगा आयुर्वेद का हब, इस पोर्टल पर होगा पंजीकरण..

 

 

 

 

उत्तराखंड: केरल की तर्ज पर उत्तराखंड को भी आयुर्वेद का हब बनाने के लिए सरकार की ओर से निजी आयुष चिकित्सालयों, वेलनेस सेंटर व आयुष थैरेपी सेवा देने वाले केंद्रों को अपणि सरकार पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। इससे जहां प्राइवेट आयुष चिकित्सालय व केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं लोगों को भी घर बैठे आयुष चिकित्सक व चिकित्सालयों की जानकारी मिल सकेगी। विभिन्न योजनाओं एवं सेवाओं का डिजिटलीकरण करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखंड अपणि सरकार पोर्टल की शुरुआत की गई। इस पोर्टल के जरिये लोगों को ई-डिस्ट्रिक्ट से संबंधित सभी सुविधाएं ऑनलाइन मिलेगी, लेकिन अभी तक इस पोर्टल पर आयुर्वेद चिकित्सालय व चिकित्सक पंजीकृत नहीं थे।

आपको बता दे कि अब आयुष विभाग प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए निजी आयुष चिकित्सालय, आयुष पद्वति थैरेपी सेवा केंद्र, आयुष वेलनेस केंद्र, पंचकर्म चिकित्सालय एवं वेलनेस केंद्र, आयुष वेलनेस थैरेपी केंद्र, योग वेलनेस प्रशिक्षण केंद्र, नैचुरोपैथी वेलनेस केंद्र, आयुर्वेद ग्राम, योग ग्राम, प्राकृत ग्राम को अपणि सरकार पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। पंजीकरण के लिए निजी चिकित्सालयों व उनके चिकित्सकों की ओर से आवेदन भी शुरू कर दिए गए हैं। करीब 25 चिकित्सकों ने आवेदन किया है। इस पोर्टल पर एक वर्ष के लिए नि:शुल्क पंजीकरण होगा। उसके बाद 200 रुपये शुल्क अदा कर तीन साल के लिए पंजीकरण किया जाएगा। तीन साल बाद नवीनीकरण कराना होगा।

पोर्टल पर आयुर्वेद, पंचकर्म व नैचुरोपैथी के चिकित्सालय, सेंटर पंजीकृत होने से पंजीकृत चिकित्सकों व सेंटरों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। आमजन को भी जिले के गांवों से लेकर शहर तक के चिकित्सकों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। इन सेंटरों पर मरीज को मानकों के अनुसार सभी सुविधाएं मिलेंगी। अपणि सरकार पोर्टल आयुष, पंचकर्म व नैचुरोपैथी चिकित्सालयों, वेलनेस सेंटरों को जोड़ा जा रहा है। अब तक करीब 25 लोगों ने आवेदन किया है। इस पर पंजीकृत आयुष चिकित्सकों को सरकार की योजनाएं आसानी से मिलेंगी और आमजन को भी आयुर्वेद का इलाज कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अपिण सरकार पोर्टल के जरिये चिकित्सालय, वेलनेस केंद्रों पर वे भी आसानी से पहुंच सकेंगे और आयुष विभाग के मानकों के तहत उनका इलाज हो सकेगा।

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top