उत्तराखंड

उत्तराखंड में अगले साल से बढ़ेगा आर्थिक संकट..

उत्तराखंड में अगले साल से बढ़ेगा आर्थिक संकट..

उत्तराखंड: जीएसटी व्यवस्था के चलते प्रदेश के राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए उत्तराखंड को केंद्र से मिल रही प्रतिपूर्ति जून 2022 में बंद हो जाएगी। ऐसे में यदि अभी से उत्तराखंड राज्य की आय बढ़ाने के प्रयास नहीं किए गए तो आने वाले वर्षों में राज्य को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। देश में चार वर्ष पहले शुरू हुई जीएसटी की व्यवस्था से हर साल उत्तराखंड को भारी नुकसान हो रहा है। नई टैक्स व्यवस्था के चलते हुए बदलाव से भी राज्य में राजस्व संग्रह की वृद्धि घट गई हैं। जीएसटी लागू होने के बाद पांच साल तक राजस्व में नुकसान की भरपाई कुछ वृद्धि के साथ केंद्र सरकार को करनी थी। जिसके बाद राज्य को अपना राजस्व बढ़ाने के प्रयास खुद करने होंगे। इसी क्रम में उत्तराखंड को केंद्र की ओर से राजस्व में नुकसान की भरपाई जून 2022 तक होनी है।

 

5000 रुपये की भरपाई एक साल में..

जीएसटी सिस्टम में राज्य को टैक्स कलेक्शन में किस कदर नुकसान हो रहा है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वर्ष 2020-21 में राज्य से प्राप्त 8636 करोड़ रुपये टैक्स में से केंद्र ने उत्तराखंड को प्रतिपूर्ति के रूप में 3794 करोड़ रुपये दिए। इस साल केंद्र से 1300 करोड़ रुपये से अधिक अभी और मिलने हैं। यानी कुल 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व में से 50% केंद्र ने भरपाई के रूप में दिया है। 50 हजार से कम बिल पर भी ईवे बिल व्यवस्था हो राज्य कर अधिकारी संघ की ओर से सरकार को यह भी सुझाव दिया गया है कि कई सेक्टरों में 50 हजार रुपये से कम के बिलों पर भी ई वे बिल की व्यवस्था लागू की जाए।

 

साथ ही रोड टैक्स की व्यवस्था ठीक से लागू करने, सर्विस सेक्टर पर फोकस, धार्मिक गतिविधियों को भी सीमित स्तर पर टैक्स के दायरे में लाने का सुझाव दिया है। बड़े स्तर पर विकसित हो रही आईटी सेवाओं, ऑनलाइन कोचिंग, भवन व्यावसायिक उपयोग के लिए किराए पर देने, रेस्टोरेंट, पार्किंग सेवाएं माल और सवारी ट्रांसपोर्ट पर विशेष फोकस करने को कहा गया है। इसके साथ ही टैक्स चोरी रोकने को मजबूत सिस्टम बनाने व आधुनिक तकनीक का उपयोग करने की भी सलाह दी गई है। यह भी कहा गया है कि मोबाइल एप के जरिए बिल की सूचना क्रेता व विक्रेता और विभाग तीनों को तत्काल मिल जाए जिससे कोई इसे छिपा न सके और बिक्री दर्ज करना अनिवार्य हो जाए।

 

जीएसटी व्यवस्था में राज्य को राजस्व के रूप में भारी घाटा हो रहा है। केंद्र से हो रही घाटे की भरपाई जून 2022 में बंद हो जाएगी। उसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए भी अभी से तैयारी करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री और राज्य कर विभाग के अफसरों को एक विजन डॉक्यूमेंट दिया गया है जिसमें राजस्व संकट और भविष्य की चुनौतियों से निपटने का रोड मैप दिया गया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top