उत्तराखंड

दूसरे राज्यों को गंगाजल ले जाने की अनुमति देगी सरकार, टैंकरों से ले जा सकते हैं जल..

दूसरे राज्यों को गंगाजल ले जाने की अनुमति देगी सरकार, टैंकरों से ले जा सकते हैं जल..

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों को गंगाजल ले जाने की अनुमति देगी। अपर मुख्य सचिव का कहना हैं कि यदि पड़ोसी राज्यों की ओर से गंगाजल ले जाने की मांग की जाएगी, तो राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। टैंकरों से गंगाजल ले जाने की अनुमति दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन का कहना हैं कि दूसरे राज्यों को गंगाजल ले जाने की अनुमति दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार रोक के बाद इस बात की संभावना है कि पड़ोसी राज्य यूपी व हरियाणा गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार से अनुरोध कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर तय किया गया है कि यदि कोई राज्य गंगाजल ले जाना चाहेगा तो उसे अनुमति दी जाएगी।

 

आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है, साथ ही कांवड़ियों को आने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के दौरान भी दूसरे राज्यों को टैंकरों से गंगाजल पहुंचाने की योजना पर विचार हुआ था। हम सभी राज्यों को अपनी ओर से गंगा जल नहीं पहुंचा सकते। लेकिन दूसरे राज्य यदि मांग करेंगे तो हम उन्हें टैंकर से गंगाजल ले जाने की इजाजत दे देंगे।

 

कांवड़ यात्रा स्थगित करने के निर्णय का समर्थन..

उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा को स्थगित किए जाने के फैसले का समर्थन करते हुए कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर धन्यवाद जताया। साथ ही कोरोना कर्फ्यू के दौरान प्रभावित हुए सभी लोगों के लिए पानी-बिजली और स्कूल फीस माफ किए जाने की मांग को भी दोहराया हैं। कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर की वजह से हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई। उनका कहना हैं कि संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सीएम ने कांवड़ यात्रा को स्थगित कर अच्छा निर्णय लिया है, लेकिन सीएम को लोगों की आर्थिक स्थिति को भी देखना चाहिए। इसमें कम से कम व्यापारियों को आर्थिक पैकेज देकर उन्हें राहत दी जाए।

 

कांवड़ यात्रा रद्द होने के साथ ही पुलिस ने चेक पोस्ट पर भी सख्ती बढ़ा दी है। पुलिस ने कांवड़ियों को राज्य सीमा में दाखिल होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतवानी भी दी है। श्रावण मास के पहले दिन पुलिस की चेतावनी का असर देखने को मिला। नीलकंठ धाम मोटर और पैदल मार्ग पर गिने चुने श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए जाते दिखे। इनमें से भी अधिकांश स्थानीय लोग थे। नीलकंठ धाम मंदिर में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। इसके अलावा चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, वीरभद्र महादेव मंदिर और सोमेश्वर महादेव मंदिर जैसे बड़े मंदिरों में भी जलाभिषेक के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम थी। कोरोना महामारी से पहले हजारों की संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालु नीलकंठ धाम पहुंचते थे। स्थानीय मंदिरों के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए शाम तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रहती थी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top