उत्तराखंड

उत्तराखंड बजट सत्र 2021: 24 घंटे बिजली, पानी और रोजगार का किया वादा..

उत्तराखंड बजट सत्र 2021: 24 घंटे बिजली, पानी और रोजगार का किया वादा..

उत्तराखंड: सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश सरकार के विकास का रोडमैप रखा। अपने अभिभाषण में उन्होंने बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा पर्यटन क्षेत्र पर खास फोकस किया। साथ ही संकेत दिए कि राज्य के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार अपनी पुरानी योजनाओं को भी जारी रखेगी।

बिजली सुधारों के काम को जारी रखते हुए उन्होंने आश्वस्त किया। कि सरकार 24 घंटे बिजली देने का प्रयास करेगी। रोजगार के मोर्चे पर सरकार का भरोसा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं पर भी रहेगा। साथ ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग के तहत 5328 पदों को भरने का जिक्र करके यह बताने का भी प्रयास हुआ, कि सरकार रोजगार की दिशा में गंभीर है। विपक्ष की गैरमौजूदगी में करीब 43 मिनट के भाषण में राज्यपाल ने रोजगार, पर्यटन, वन, कृषि, बागवानी, पेयजल, शहरी विकास, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित बुनियादी विकास पर सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया।

 

साथ ही जलजीवन मिशन का जिक्र करते हुए भी उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने की बात तो कही, लेकिन शहरी क्षेत्र के मानकों का जिक्र भाषण में कही भी नहीं दिखा। निस्संदेह अभिभाषण में पर्यटन क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई। 15वें वित्त आयोग से मिले 8803 करोड़ रुपये के उपयोग पर फोकस दिखाई दिया। इसके साथ ही यहा भी साफ हुआ कि पलायन को रोकने के लिए सरकार होम स्टे को काफी तवज्जो दे रही है। जिससे अब तक होम स्टे विकास योजना के तहत 2551 होम स्टे पंजीकृत हो चुके हैं।

 

कोरोना के बाद से ही ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अधिक सुधार लाए जाने पर जोर है। राज्यपाल ने इन सबके आधार पर रोडमैप बनाकर काम करने की दिशा में आगे बढ़ने का संकेत दिया। गांवों के विकास में 15 वें वित्त आयोग के तहत राज्यपाल ने कृषि कानून सुधारों का जिक्र किया और कहा कि प्रदेश में किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने पर या की आजादी दी गई है। बागवानी मिशन, किसानों की आय बढ़ाने आदि में किए गए काम राज्यपाल ने लेखा जोखा सामने रखा।

 

प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना जमरानी और सौंग बांध, सहित पिथौरागढ़, लोहाघाट, रानीखेत में झील व जलाशय परियोजना का जिक्र राज्यपाल ने किया।  उन्होंने ग्रामीण आवास से लेकर खेतों की सिंचाई तक बुनियादी विकास के लिए जारी केंद्रीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। चुनावी वर्ष के सबसे बड़े रोजगार के मुद्दे पर भी राज्यपाल की निगाह गईं। उन्होंने दोनों आयोगों व विभागों में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। इसमें सबसे अधिक फोकस मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर रहा।

जिसकी बात अभिभाषण में नहीं हुई..

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के रोडमैप के बारे में जिक्र नहीं था। केवल राज्य सचिवालय भवन का उल्लेख था। स्थायी राजधानी पर सरकार ने दृष्टिकोण स्पष्ट नहीं किया। राजधानी क्षेत्र के विकास के बारे में भी कोई जानकारी सामने नहीं आई। यह भी स्पष्ट नहीं किया कि देहरादून में सरकार राजधानी के विकास को किस तरह से आगे बढ़ा रही है। चमोली आपदा का अभिभाषण में जिक्र नहीं था। आपदा प्रबंधन को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता, उपलब्धि और आगे का रोडमैप सामने नहीं रखा।

 

पिछले कुछ समय में चमोली आपदा से लेकर जलवायु परिवर्तन पर अधिक बात हुई है। लेकिन अभिभाषण में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए नए रोडमैप का कोई जिक्र नहीं है। चुनावी वर्ष में महंगाई एक बड़ा मुद्दा है। विपक्ष इसे लेकर काफी आक्रामक भी है। अभिभाषण में महंगाई पर नियंत्रण के लिए स्थानीय स्तर पर किए जाने वाले प्रयासों का जिक्र भी नहीं है। सरकार आठ मार्च को बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है, खेल और युवा में राज्यपाल के अभिभाषण में बात हुई है। सरकार उपलब्धियों का जिक्र किया, लेकिन युवाओं से संबंधित किसी नई योजना का जिक्र चुनावी वर्ष में नहीं किया गया।

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