जड़ी बूटी की खेती से ग्रामीण आजीविका को करें सुदृढ़: नेगी..
उषाड़ा गांव में जैविक कृषिकरण को लेकर कार्यशाला का आयोजन..
ग्रामीणों को किया गया दस हजार पौधों का वितरण..
रुद्रप्रयाग। उच्च शिखरीय पादक कार्यिकी शोध केन्द्र (हैप्रेक) गढ़वाल विवि श्रीनगर के तत्वाधान में उषाड़ा में जैविक कृषिकरण जागरूक एवं आन फील्ड निःशुल्क पौध वितरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कृषिरकण के लिए इच्छुक किसानों को दस हजार जड़ी बूटी की पौध वितरित कर आजीविका बढ़ाने पर जोर दिया गया।
ऊखीमठ ब्लाॅक के उषाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाली औषधियां एवं सुगंध पादप जैसी कुटकी, चिरायता, अतीस की दस हजार पौधों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वन दरोगा पृथ्वी सिंह नेगी ने किसानों को जड़ी बूटियों के कृषिकरण के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही इससे अपनी आर्थिकी में सुधार लाने की बात कही।
प्रधान उषाड़ा कुंवर सिंह ने हैप्रेक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह जड़ी बूटियां यहां कृषि करने के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने किसानों को पौधों का कृषिकरण कर अपनी आजीविका को बढ़ाने पर जोर दिया। इस अवसर पर है प्रेक विभाग के प्रदीप डोभाल, अनूप सिंह, जगदीश सिंह, कुलदीप सिंह समेत कई तीस किसान उपस्थित थे।